- अघोषित कटौती के साथ फाल्ट बने सप्लाई में बाधक
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। शहर समेत जिले में बड़े पैमाने पर जारी बिजली संकट का दौर थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इमर्जेंसी रोस्टरिंग के साथ अघोषित कटौती और उस पर जगह-जगह होने वाले लाइन फाल्ट बिजली सप्लाई में बाधक बन रहे हैं, लेकिन पॉवर कारपोरेशन के अभियंता नेटवर्क की खराबियों का स्थायी निदान खोजने के बजाय केवल कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं।
पॉवर कारपोरेशन के सिस्टम कंट्रोल ने शहरी क्षेत्र में सुबह तीन से पांच बजे तक और अपरान्ह तीन से शाम सात बजे तक छह घंटे की आपात कटौती घोषित कर रखी है। बाकी बचे समय में बिजली मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। पॉवर कंट्रोल से रोजाना तीन-चार घंटे अघोषित कटौती होने से दस घंटे रोस्टिंग की भेंट चढ़ जाते हैं। बाकी बचे समय में फीडरों को हीट अप होने से बचाने को दो-दो घंटे की लोकल रोस्टरिंग का दौर चलता है।
लोगों को दिक्कत तब और ज्यादा होती है, जब सप्लाई के दौरान लाइन फाल्ट हो जाते हैं। प्रभावित क्षेत्र के लोग उस वक्त खीझते हैं जब सूचनाएं देने पर भी टूटे तार या फिर जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने में अनावश्यक देरी की जाती है। पिछले दिनों शहर की पॉश कॉलोनी बृज विहार में यही हुआ जब ट्रांसफार्मर खराब होने से कालोनी के एक हिस्से की बिजली गुल हो गई। हथौड़ा सब स्टेशन पर सूचना नोट कराने के चार दिन बाद भी बिजली गुल रही।
कॉलोनी में उजाला पांचवें दिन तब हुआ जब वहां के लोगों ने अधिशासी अभियंता को घेरकर सवालों की झड़ी लगाई और एक्सईएन ने क्षेत्रीय अवर अभियंता केपेंच कसे। मौजूदा बिजली संकट को लेकर विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल लगातार प्रदर्शन करके अफसरों को ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन बिजली सप्लाई की लचर हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। अभियंताओं का कहना है कि वे जनता की परेशानी के मद्देनजर पॉवर कारपोरेशन मुख्यालय और सिस्टम कंट्रोल से लगातार पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
‘सिस्टम कंट्रोल की प्राथमिकता जन सामान्य की डिमांड पूरी करने के बजाय नार्थ ग्रिड को ट्रिप होने से बचाने की है। बगैर बताए बिजली कटौती से लोगों का रोष बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन इसमें विभाग की डिस्ट्रीब्यूशन विंग का कोई दोष नहीं है। उच्चाधिकारियों को लगातार यहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा रहा है।’
-आरएन सिंह, अधिशासी अभियंता (शहर), पॉवर कारपोरेशन