- सीडीओ के परामर्श पर मुख्य अभियंता ने मांगा स्पष्टीकरण
सिटी रिपोर्टर
शाहजहांपुर। न केवल शहरी क्षेत्र, बल्कि ग्रामीण इलाकों के लोग भी इन दिनों बिजली संकट से बेहाल हैं, लेकिन अफसरों को राजधानी में मौज की सूझ रही है। कोई विभागीय कार्य के बहाने तो कोई कोर्ट केस की आड़ लेकर लखनऊ की सैर में जुटा है। इसका खुलासा बुधवार को उस वक्त अनायास हो गया जब नवनियुक्त मुख्य विकास अधिकारी को बताया गया कि पॉवर कारपोरेशन के अधिशासी अभियंता (ग्रामीण) आरपी गुप्ता लखनऊ गए हैं। इस मामले में सीडीओ विवेक वार्ष्णेय से वार्ता के बाद मुख्य अभियंता हरीश चंद्रा ने एक्सईएन से स्पष्टीकरण देने को कहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं कटौती तो कहीं लाइन फाल्ट से त्रस्त लोग बिजली महकमे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए सीडीओ श्री वार्ष्णेय ने वस्तुस्थिति जानने को एक्सईएन श्री गुप्ता से संपर्क साधा। इस पर श्री गुप्ता ने उन्हें बताया कि वे कोर्ट केस की तारीख के मद्देनजर इस समय लखनऊ में हैं। इसे जनता के प्रति जवाबदेही और जिम्मेदारियों से जुड़ी उदासीनता मानते हुए सीडीओ ने बरेली स्थिति मुख्य अभियंता को अवगत कराया।
चीफ इंजीनियर ने भी माना कि बिजली संकट के इस दौर में कोर्ट केस के बहाने अधिशासी अभियंता स्तर के अधिकारी का मुख्यालय छोड़ना उचित नहीं है और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कार्यों की देख रेख का जिम्मा स्टाफ के किसी अन्य वरिष्ठ सदस्य पर भी छोड़ा जा सकता है। श्री चंद्रा ने सीडीओ को बताया कि इस प्रकरण में एक्सईएन (देहात) से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
‘सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए बगैर मुख्यालय छोड़ना अनुचित है। अधिशासी अभियंता आरपी गुप्ता ने बिजली संकट को लेकर हो रहे प्रदर्शनों को अनदेखा करके लखनऊ जाने का निर्णय अपने स्तर से कर लिया। कोर्ट केस का काम देखने के लिए विभाग में विकल्प के तौर अन्य वरिष्ठ कर्मचारी तय किए जाने चाहिए।
-विवेक वार्ष्णेय, मुख्य विकास अधिकारी
‘मैं एक ऐसे मुकदमे की तारीख पर लखनऊ आया हूं, जिसमें मेरा व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहना अनिवार्य था। हां, चीफ साहब का मेरे पास फोन आया था और मैने उन्हें मौखिक तौर पर यही स्पष्ट किया है। देहात क्षेत्र की बिजली सप्लाई को सुचारु बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।’
-आरपी गुप्ता, एक्सईएन (लखनऊ से फोन पर बताया)