बजाज चीनी मिल 95 मेगावाट, डालमियां मिल कर रही दस मेगावाट उत्पादन
- 105 मेगावाट उत्पादन के सापेक्ष जरूरत 70 मेगावाट
- शहर को जरूरत है केवल 52 मेगावाट बिजली की
अनूप वाजपेयी
शाहजहांपुर। बिजली संकट के चालू दौर में जिले को 24 घंटे बिजली सप्लाई की मांग भले ही हाशिए पर चली गई हो, लेकिन सच यही है कि जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति में कमी से जनाकांक्षा पूरी नहीं हो पा रही। दरअसल, 24 घंटे सप्लाई देने के लिए सिर्फ 70 मेगावाट बिजली की जरूरत है, जबकि यहां के चीनी मिलों समेत अन्य कारखानों में पॉवर जेनरेशन इससे कहीं अधिक है।
एक साल पीछे रोजा तापीय परियोजना में बिजली उत्पादन शुरू होने पर यहां के तमाम राजनीतिक दलों और संगठनों ने 24 घंटे बिजली सप्लाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। विधानसभा में नगर विधायक सुरेश खन्ना ने भी सरकार तक यहां के लोगों की आवाज पहुंचाई, लेकिन नतीजा शून्य रहा। वजह सिर्फ यह रही कि रोजा प्रोजेक्ट और प्रदेश सरकार के बीच हुए पॉवर परचेज एग्रीमेन्ट में इस मांग को कोई जगह नहीं मिली थी।
पॉवर कारपोरेशन के तत्कालीन प्रभारी अधीक्षण अभियंता जिया लाल जैन ने भी यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया कि रोजा परियोजना और सरकार के बीच ग्रिड को बिजली देने का करार हुआ है, जिले को नहीं। बावजूद इसके ट्रांसमिशन सिस्टम तैयार नहीं होने पर रोजा परियोजना की बाहर जाने से शेष बचने वाली बिजली शहर समेत जिले को परोसी जाती रही। अब चूंकि, रोजा प्रोजेक्ट की बिजली कई ट्रांसमिशन लाइनों के जरिए ग्रिड पर जाने लगी है और अघोषित कटौती का दौर शुरू हो चुका है। इसलिए लोगों के जेहन से 24 घंटे बिजली की डिमांड भी हवा हो गई।
हालांकि, यह कोई आसमान से तारे तोड़ लाने जैसा मुद्दा नहीं है। हाइड्रो इलेक्ट्रिक इंपलाइज यूनियन की मध्यांचल इकाई के अध्यक्ष केके खुराना के अनुसार 24 घंटे बिजली देने के लिए शहर को केवल 52 मेगावाट की जरूरत है। पूरे जिले की खपत को शामिल कर लिया जाए तो भी 70 मेगावाट बिजली पर्याप्त होगी जबकि जिले की अनेक औद्योगिक इकाइयां इससे कहीं अधिक बिजली ग्रिड को दे रही हैं।
इस सच को अधिशासी अभियंता (शहर) आरएन सिंह भी स्वीकार करते हैं। उनके मुताबिक: बजाज चीनी मिल की मकसूदापुर इकाई से 95 मेगावाट और डालमियां शुगर मिल से भी दस मेगावाट पॉवर जेनरेशन हो रहा है। कृभको श्याम फर्टिलाइजर लिमिटेड से 25 मेगावाट का करार होने पर उत्पादन और बढ़ जाएगा। अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रयास करें तो इन औद्योगिक इकाइयों से शहर को लगातार बिजली मिलने का सपना पूरा हो सकता है।
चीनी मिलों से दिलाएं भरपूर बिजली
ब्रजविहार कालोनी में रह रहे ओसीएफ के सेवानिवृत्त कनिष्ठ कार्य प्रबंधक अनुपम सक्सेना ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर चीनी मिलों से शहर समेत जिले को भरपूर बिजली दिलाए जाने का आग्रह किया है। श्री सक्सेना ने पत्र में कहा है: जिले की खाद फैक्ट्री समेत कई चीनी मिलों में उनकी जरूरत से ज्यादा बिजली उत्पादन हो रहा है। इसलिए जिले की जनता के हित में इन सभी कारखानों से बिजली खरीदकर उपलब्ध कराई जाए