सहारनपुर। पंजाब जा रही कर्मभूमि एक्सप्रेस के सहारनपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही चाइल्डलाइन टीम के साथ जीआरपी और आरपीएफ ने ट्रेन को घेरकर सात लोगों को नीचे उतार लिया। इनमें नाबालिग भी शामिल हैं। दोनों पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
कोतवाली जीआरपी प्रभारी प्रीति सिंह ने बताया कि बिहार और वेस्ट बंगाल से नाबालिगों को मजदूरी के लिए तस्करी कर पंजाब ले जाने की सूचना मिली थी। इसके साथ ही चाइल्डलाइन की टीम भी रेलवे स्टेशन पर पहुंची और जीआरपी व आरपीएफ की मदद से जांच करते हुए ट्रेन से सात लोगों को नीचे उतारा गया। यह बिहार और बंगाल के कटिहार व पूर्णिया जिले के हैं। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि यह धर्मेंद्र मुनि पुत्र गोकुल मुनि के साथ पंजाब जा रहे थे और कुल 14 लोग थे, जिनमें सात ट्रेन से आगे निकल गए। इनके पास कोई कागजात भी नहीं मिले। कार्रवाई के दौरान चाइल्डलाइन के आकाश, जीशान रजी खान, विमलेश, लता दानिश सहित कई सदस्य शामिल रहे।
इनको उतारा रेलगाड़ी से
-जीआरपी के मुताबिक बिहार निवासी हीरो कुमार पुत्र लट्ठोरी सिंह उम्र 18 वर्ष, राजेश कुमार पुत्र मुनेश्वर, बिहार निवासी बीरबल पुत्र रितेश्वर, धर्मेंद्र मुनी पुत्र गोकुल मुनि निवासी वेस्ट बंगाल, यहीं के निवासी अंजर आलम पुत्र अलाउद्दीन, दिलशाद पुत्र महबूब, वेस्ट बंगाल निवासी अशरफुल पुत्र मोहम्मद शकूर को ट्रेन से उतारा गया है। टीआरपी प्रभारी का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- पहले भी मजदूरी को जाते रहे हैं पंजाब जीआरपी को पूछताछ में धर्मेंद्र मुनि ने बताया कि वह मजदूर लोग हैं और पहले भी पंजाब के कई जगहों पर कृषि कार्यों में मजदूरी कर चुके हैं और अब जालंधर में आलू की खुदाई के लिए जा रहे थे। मानव तस्करी के लगे आरोप झूठे हैं सब अपनी मर्जी से काम के लिए पंजाब जा रहे थे।