सहारनपुर। लखनौती गांव में पट्टा आवंटन को लेकर दलित और त्यागी पक्ष के लोगों में तीन साल पूर्व हुए झगड़े में अपर सत्र न्यायधीश ने त्यागी पक्ष के 23 लोगों को दो-दो वर्ष कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। बाद में सभी को जमानत भी मिल गई।
देवबंद क्षेत्र के गांव लखनौती में वर्ष 2008 में शासन ने दलितों को 47 पट्टे आवंटित किए थे। जिस पर आपत्ति उपरांत 35 पट्टे फाइनल किए गए थे। गांव के त्यागी पक्ष के लोग पट्टा आवंटन का विरोध कर रहे थे। दलित पक्ष की ओर से त्यागी पक्ष के लोगों पर छह फरवरी 2009 की रात 11 बजे हथियारों लैस होकर गोली चलाने, उनके घरों, नलों, बिजली के खंभे तोड़ने तथा घरों और झोपड़ों में आग लगाने, महिलाओं, बच्चों से मारपीट करते हुए जातिसूचक शब्द बोलने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
अभियोजन अधिकारी दीपक उनियाल के मुताबिक पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 427, 352, एससी/एसटी एक्ट में 24 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की। मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपी मनोज की मृत्यु हो गई थी। अपर सत्र न्यायधीश कक्ष संख्या चार एम ए सिद्दकी ने गवाहों तथा तथ्यों के आधार पर त्यागी पक्ष के संजय, मांगेराम, जम्बू उर्फ ओमकार, सुशील कुमार, गौरव, विकास उर्फ कल्लू, आशु, सत्यवान, अशोक, यशपाल उर्फ बुद्धू, संजय, रामकुमार उर्फ भोला, धर्मवीर, नकली उर्फ यशवीर, सतवीर, राजवीर, ब्रजवीर, श्यामवीर, दिनेश, अभिषेक, अनुज, सुमित, विनित को दो-दो वर्ष कारावास तथा एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की 23 हजार राशि का दो तिहाई पीड़ितों को दिए जाने के आदेश किए। बाद में सभी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई। वाद की हर तारीख की रिपोर्ट शासन को भी भेजी जा रही थी।