पांवधोई नदी बनेगी जिले की पहचान
सहारनपुर। पांवधोई नदी की सफाई के लिए सात जून 2018 को शुरू हुआ अभियान का असर नजर आने लगा है। नदी के तटों की पैचिंग, नए घाटों का निर्माण और चेक डैम आदि बनाए जाने से नदी एकदम नए रूप में आ गई है, जिसे लेकर प्रशासन और नगरवासी खासकर प्रकृति और पर्यावरण प्रेमी खासे उत्साहित हैं।
मंडलायुक्त सीपी त्रिपाठी ने वर्ष 2018 में पांवधोई नदी की सफाई का बीड़ा उठाया। सात जून 2018 को नदी की सफाई के लिए महाअभियान की शुरूआत की, जिसमें करीब तीन हजार लोगों ने उद्गम स्थल शकलापुरी और बाबा लालदास बाड़ा स्थित घाट पर नदी में उतरकर इसकी सफाई में सहयोग किया। शुरूआती दिनों में अभियान का असर न के बराबर रहा। मंडलायुक्त लगातार नदी का भ्रमण कर सिंचाई विभाग, वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते रहे। अब प्रशासन ने 31 मई को जलोत्सव मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें देश भर के साधु और संतों को बुलावा भेजा गया है। ऐसे में नदी पर तेजी से कार्य चल रहा है। नदी के उद्गम स्थल यानी शकलापुरी में नए घाट का निर्माण किया गया है। शहर की ओर बढ़ते हुए म्यूनिसिपल कॉलोनी के पास नदी में गिरने वाले नाले के पानी की सफाई के लिए एसटीपी बनाया जा रहा है। बाबा लालदास का बाड़ा स्थित प्राचीन घाट को नया रूप दिया गया है। साथ ही नदी के दोनों साइडों पर पैचिंग की गई है। नदी पर डेम भी बनाया जा रहा है, जिसका कार्य प्रगति पर है।
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- रजबाहे के पानी से साफ होगी नदी
पांवधोई नदी में बेहद कम पानी आने की वजह से नदी में जगह-जगह कचरा फंसा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नदी में पानी छोड़ा जाए तो नदी में अटा कचरा बह सकता है। ऐसे में प्रशासन ने सरकड़ी के पास से गुजरने वाले रजबहे का पानी पांवधोई में छोड़ने का निर्णय लिया है। 31 मई के जलोत्सव कार्यक्रम से पहले पानी छोड़ा जाएगा।
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- मॉर्निंग वॉक के लिए मिला नया स्थल
अभी तक शहरवासियों के पास टहलने के लिए कंपनी बाग ही था। मगर बाबा लालदास का बाड़ा स्थित घाट पर नए कार्य होने और कायाकल्प होने से शहर के लोगों को एक और स्थान टहलने के लिए मिल गया है। आसपास की कॉलोनियों के लोग अब सुबह-शाम घाट पर टहलने के लिए नदी के तट पर जा रहे हैं। नगर निगम की ओर से घाट के आसपास बैठने के लिए सीमेंट की सीटें लगवाई गई हैं, जिनपर बैठकर लोग शाम के समय प्रकृति का आनंद उठा रहे हैं।
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- सहारनपुर की पहचान बनेगी पांवधोई
वह दिन दूर नहीं जब पांवधोई नदी सहारनपुर की पहचान बनेगी। जी हां! पूर्व में सहारनपुर के डीएम रहे आलोक कुमार ने नदी की सफाई के लिए काफी काम किया था। नदी पर काम करने की वजह से उन्हें विदेशों तक में सम्मान मिला। जलपुरुष राजेंद्र सिंह भी कई बार सहारनपुर आकर आलोक कुमार के काम की तारीफ कर चुके हैं। अब जिस प्रकार से पूरी सात किलोमीटर की नदी पर काम हो रहा है। निश्चित ही वह सहारनपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।
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- शहर में दूसरे चरण में होगी सफाई
नदी की सफाई का अभियान दो चरण तय किए गए हैं। पहले चरण में उद्गम स्थल से बाबा लालदास का बाड़ा तक काम किया जा रहा है। दूसरे चरण में बाबा लालदास का बाड़ा से नदी के ढमोला नदी में गिरने तक काम होगा। शहर में नदी में फैले कचरे की सफाई के साथ ही नदी पर हुए अतिक्रमण हटाए जाएंगे। साथ ही नदी पर नए अपर पथ और पुराने घाटों का कायाकल्प किया जाएगा।
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पांवधोई नदी को निर्मल और अविरल बनाना हमारी प्राथमिकता में है। नदी के कायाकल्प और स्वच्छता पर तेजी से काम हो रहा है। 31 मई को जलोत्सव कार्यक्रम होना है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य शामिल होंगे। शहरवासियों से अपील है कि नदी को स्वच्छ बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। -- सीपी त्रिपाठी, मंडलायुक्त