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यूपी के 22 जिलों से रिपोर्ट : पश्चिमी यूपी और ब्रज में इन 10 मुद्दों को विपक्ष ने बनाया चुनावी एजेंडा, पढ़िए भाजपा ने क्या दावे किए?

Himanshu Mishra हिमांशु मिश्रा
Updated Sun, 05 Dec 2021 12:53 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश में आम वोटर्स और स्थानीय स्तर पर नेताओं, कार्यकर्ताओं का राजनीतिक मिजाज समझने के लिए 'अमर उजाला' का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' पश्चिमी यूपी और ब्रज के 22 जिलों में पहुंचा। इन जिलों में 129 विधानसभा सीटें हैं। इन सभी क्षेत्र के मुद्दों पर यहां के प्रमुख राजनीतिक दलों ने विस्तार से चर्चा की।  

Report from 22 districts of UP: In western UP and Braj, these 10 issues were made by the opposition on the election agenda, read what claims did the BJP make?
उत्तरप्रदेश चुनाव 2022 - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश में तैयारियां तेज कर दी हैं। राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों को भी चुनावी एजेंडा में शामिल किया गया है। इन्हीं मुद्दों को जानने के लिए 'अमर उजाला' का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' 22 जिलों में पहुंचा। यहां प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा हुई। विपक्ष की तरफ से 10 ऐसे मुद्दे सामने आए, जो इस बार चुनाव में हावी रहेंगे। वहीं, सत्ताधारी भाजपा के नेताओं ने अपना अलग दावा किया। बताया कि वह किन बिंदुओं को लेकर आम लोगों से वोट मांगने जाएंगे? पढ़िए ये खास रिपोर्ट...

इन जिलों में भाजपा, सपा और बसपा की क्या स्थिति है?

Report from 22 districts of UP: In western UP and Braj, these 10 issues were made by the opposition on the election agenda, read what claims did the BJP make?
UP election 2022 - फोटो : अमर उजाला
जिन जिलों में 'अमर उजाला' का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' पहुंचा उनमें गाजियाबाद, अमरोहा, रामपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ और बुलंदशहर शामिल हैं। इन जिलों में कुल 129 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 109 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 18 सीटों पर सपा और दो पर बसपा के विधायक हैं। 

इन पार्टी के प्रतिनिधियों ने शिरकत की
'सत्ता का संग्राम' कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, प्रगतिशील समाज पार्टी, रालोद और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। कुछ जिलों में आजाद पार्टी, जेडीयू के नेता भी पहुंचे।

विपक्ष ने कौन से मुद्दे उठाए? 

Report from 22 districts of UP: In western UP and Braj, these 10 issues were made by the opposition on the election agenda, read what claims did the BJP make?
अखिलेश यादव - फोटो : अमर उजाला
1. बेरोजगारी : विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि सरकारी नौकरियों को सरकार ने खत्म कर दिया है। समय से भर्तियां नहीं निकलती हैं। स्थानीय स्तर पर कोई नई फैक्ट्री नहीं खुली। डिग्री हासिल करने के बावजूद युवा बेरोजगार हैं। कोरोनाकाल में बहुत से युवाओं की नौकरी भी छूट गई। सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली। 
 
2. महंगाई : पेट्रोल-डीजल, गैस  सिलेंडर, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ लगातार महंगे होते जा रहे हैं। लोगों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। लोगों की आय घट रही है और खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं। स्कूल-कॉलेज में फीस बढ़ गई है। हर कोई परेशान है। 

3. महिला सुरक्षा : रेप, छेड़खानी जैसी घटनाएं हो रही हैं। महिलाएं घर से बाहर निकलने में भी डरने लगी हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियो स्क्वायड शुरू करवाया था, लेकिन उसे भी बंद कर दिया। 

4. भ्रष्टाचार : सरकारी विभागों में अब पहले के मुकाबले ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ गया है। पहले जो काम 100 रुपये में होता था, वो अब 1000 रुपये में होता है। अफसर बिना घूस लिए कोई काम नहीं करते हैं। अफसरशाही पूरी तरह से हावी हो गई है।  

5. सड़कों की खराब स्थिति : योगी सरकार ने शपथ ग्रहण करने के बाद ही एलान किया था कि अब पूरे प्रदेश में गड्डा मुक्त सड़के हो जाएंगी, लेकिन इन साढ़े चार साल में सड़क मुक्त प्रदेश हो गया है। अब मालूम ही नहीं चलता है कि सड़क पर गड्डे हैं या गड्डों पर सड़क। 

6. अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं की कमी : जिला अस्पतालों के हालात खराब हैं। न तो स्टाफ है और न ही डॉक्टर। छोटी-छोटी बीमारी पर बड़े जिलों में रेफर कर दिया जाता है। अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है। 

7. कोरोनाकाल में ऑक्सीजन और बेड की कमी का मुद्दा : कोरोना की दूसरी लहर में आम लोगों ने ऑक्सीजन और बेड की कमी के चलते सड़कों पर दम तोड़ा। किसी को बेहतर इलाज नहीं मिला। इसके चलते सैकड़ों लोगों की जान चली गई। 

8. किसानों का मुद्दा : केंद्र और प्रदेश सरकार दोनों ने किसानों का उत्पीड़न किया। आय दोगुनी करने का झांसा देकर किसानों को ठगा गया है। जबरदस्ती तीनों कृषि बिल थोपने की कोशिश हुई। किसानों ने आंदोलन किया तो उसे कुचलने की कोशिश की गई। 

9. ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं से होने वाली परेशानी : सरकार की खराब नीतियों के चलते गांव-गांव में किसान परेशान हैं। आवारा पशु खेतों में फसलें खराब कर रहे हैं। गौशाला के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। 

10. रोजगारपरक कोर्स चलाने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी : युवाओं को अच्छी शिक्षा हासिल करने के लिए दिल्ली-एनसीआर या अन्य बड़े शहरों का रूख करना पड़ता है। जिलों के कॉलेजों में रोजगारपरक कोर्स नहीं हैं। 

भाजपा ने क्या दावा किया?

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। - फोटो : अमर उजाला
विपक्ष ने कमियां गिनाईं तो भाजपा ने योगी और मोदी सरकार के कामकाज की तारीफ की। इन्हीं कामों की बदौलत चुनाव जीतने का दावा किया। सभी 22 जिलों में भाजपा ने विपक्ष के उलट दावे किए। 
1. योगी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में पांच लाख युवाओं को नौकरी दी है। स्वरोजगार को बढ़ावा दिया गया है। छोटे-छोटे उद्योग शुरू कराए गए। 

2. आज गुंडे और बदमाश या तो सलाखों के पीछे हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग चुके हैं। बदमाशों का एनकाउंटर हुआ है। महिलाएं आज सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। 

3. भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सबकुछ ऑनलाइन कर दिया है। पूरी पारदर्शिता के साथ विभागों में काम हो रहा है। 

4. हर जिले में हाईवे, फ्लाईओवर, सड़कों का निर्माण कराया गया है। 

5. कोरोनाकाल में योगी सरकार का मैनेजमेंट सबसे बेहतर रहा। यही कारण है कि यहां कम लोगों की मौतें हुईं। सीएचसी-पीएचसी में भी ऑक्सीजन की सप्लाई हुई। 

6. हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। 

7. किसानों को सम्मान राशि दी गई। गरीबों को पक्का मकान, गैस सिलेंडर, बिजली कनेक्शन, मुफ्त राशन दिया गया। 

8. कई जिलों में राज्य विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं, ताकि युवाओं को अच्छी शिक्षा मिल सके।

9. पहले के मुकाबले महंगाई पर काफी काबू पाया गया है। 70 साल में कांग्रेस ने जो हाल कर दिया था, अब उसे सुधारने का काम जारी है। 

10. आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनवाए गए हैं। सपा-बसपा की सरकार में गौ माता को काट दिया जाता था। उन्हें भाजपा सरकार में बचाया गया। 
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