{"_id":"63d63228b734714d14012f2a","slug":"mahatma-gandhi-death-anniversary-mahatma-gandhi-s-tomb-is-also-in-rampur-2023-01-29","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Mahatma Gandhi Death Anniversary: रामपुर भी है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, लाई गई थीं बापू की अस्थियां","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mahatma Gandhi Death Anniversary: रामपुर भी है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, लाई गई थीं बापू की अस्थियां
अमर उजाला नेटवर्क, रामपुर
Published by: विजय पुंडीर
Updated Sun, 29 Jan 2023 02:15 PM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
अस्थियों को लाने के लिए रामपुर से 18 सेर वजनी अष्टधातु का कलश ले जाया गया था। 11 फरवरी को सुबह नौ बजे नवाब की स्पेशल ट्रेन से अस्थि कलश रामपुर लाया गया। हजारों की भीड़ स्टेशन पर थी।
गांधी समाधि पर लगी बापू की प्रतिमा
- फोटो : अमर उजाला
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि रामपुर में भी है। 11 फरवरी 1948 को बापू की अस्थियां रामपुर लाई गई थीं। बापू की अस्थियों का कुछ हिस्सा कोसी नदी में विसर्जित कर दिया गया। शेष अस्थियों को चांदी के कलश में रखकर दफन कर दिया गया था। यहां पर आज शानदार गांधी समाधि है।
महात्मा गांधी का रामपुर से खासा लगाव था। वो दो बार यहां आए भी थे। 30 जनवरी 1948 को जब बापू की हत्या की खबर रामपुर पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई। उस वक्त रामपुर रियासत का भारतीय गणराज्य में विलय नहीं हुआ था। 31 जनवरी 1948 को स्याह हाशिये के साथ स्टेट गजट जारी हुआ। रामपुर के नवाब रजा अली खां ने 13 दिन के सरकारी शोक का एलान किया। दो फरवरी को जब बापू का दिल्ली में अंतिम संस्कार हुआ तो रामपुर के किले से उनको 23 तोप की सलामी दी गई। 10 फरवरी को नवाब दिल्ली के राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी की चिता वेदी पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद नवाब रजा अली खां ने बापू की अस्थियों को रामपुर ले जाने की इच्छा जताई।
अस्थियों को लाने के लिए रामपुर से 18 सेर वजनी अष्टधातु का कलश ले जाया गया था। 11 फरवरी को सुबह 9 बजे नवाब की स्पेशल ट्रेन से अस्थि कलश रामपुर लाया गया। हजारों की भीड़ स्टेशन पर थी। शांति मार्च के रूप में अस्थि कलश को स्टेशन से स्टेडियम लाया गया, जहां शहरवासियों ने बापू को श्रद्धांजलि दी। 12 फरवरी 1948 को रामपुर में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया और स्टेडियम में हुई शोकसभा में सर्वधर्म पाठ हुए। दोपहर तीन बजे कलश को सुसज्जित हाथी पर रखकर कोसी नदी लाया गया। यहां नवाब ने कुछ अस्थियां कोसी में विसर्जित कीं तो शेष को कलश में लेकर रियासती बैंड की मातमी धुन के बीच नवाब गेट के पासलाया गया। यहां इन्हें चांदी के कलश में रखकर नवाब ने अपने हाथों से जमीन में दफन किया। इस स्थान पर गांधी समाधि बनाई गई। अब यहां पर भव्य गांधी समाधि है। गांधी समाधि रामपुर की शान है। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती पर यहां ध्वजारोहण किया जाता है।
पंडितों के तर्क के बाद रजा अली खां को मिली थी बापू की अस्थियां
नवाब रजा अली खां ने जब दिल्ली पहुंचकर बापू की अस्थियां रामपुर ले जाने की इच्छा जताई थी तो उनको मना कर दिया गया था। पहले यह कहा गया कि एक मुसलमान को बापू की अस्थियां क्यों दी जाए। पंडितों के तर्क के बाद बापू की अस्थियां नवाब को सौंप दी गई थीं। रजा अली खां अपने साथ पंडित राम रतन, पंडित राम चंद्र, राम गोपाल शर्मा, पंडित राधे मोहन चौबे और मदन मोहन चौबे को दिल्ली साथ ले गए थे। इस बात का जिक्र इतिहासकार शौकत अली खां ने अपनी किताब रामपुर का इतिहास में किया है।
रामपुर देन है गांधी टोपी
ऐसा दावा किया जाता है कि महात्मा गांधी के सिर पर सजने वाली टोपी रामपुर से ही दुनिया भर में मशहूर हुई थी। कहा जाता है कि जब गांधी जी रामपुर आए थे तो मौलाना मोहम्मद अली जौहर की वालिदा आब्दी बानो बेगम (बी अम्मा) ने एक मोटे कपड़े की टोपी अपने हाथों से उनको पहनाई थी, जो आगे चलकर गांधी टोपी के नाम से मशहूर हुई।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।