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लालगंज। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने में कार्यरत एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बुधवार को अपने आवास में फांसी लगा ली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कॉलोनी में चर्चा है कि शेयर मार्केट में हुए नुकसान के कारण वह कुछ दिनों से अवसाद में थे।
कारखाने के आवासीय परिसर में टाइप फोर कॉलोनी के मकान नंबर 4235-डी में दोपहर करीब दो बजे मेकेनिकल विभाग में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर (व्हील प्रोडक्शन) विश्वजीत कुमार (34) ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली।
घटना के समय पत्नी श्वेता बच्चों के साथ छत पर धूप में बैठीं थीं। जब वह नीचे आईं तो देखा कि पति के कमरे का दरवाजा बंद था। पत्नी के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हुए। लोग दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसे तो वहां का मंजर देख भी सन्न रह गए।
विश्वजीत का शव पंखे के हुक से लटका रहा था। आननफानन में लोगों ने उन्हें एमसीएफ अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। विश्वजीत मूलरूप से बिहार प्रांत के मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाले थे। आसपास के लोगों में चर्चा है कि शेयर मार्केट में हुए नुकसान के कारण वह कई दिनों से अवसाद में थे।
कॉलोनी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे
मृतक विश्वजीत और उसकी पत्नी दोनों कॉलोनी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया करते थे। उनकी क्लास में काफी संख्या में बच्चे आते थे। विश्वजीत बेहद व्यवहार कुशल थे। उनके निधन पर पर पूरे परिसर के लोग शोक में डूबे हैं।
लालगंज। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने में कार्यरत एक सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बुधवार को अपने आवास में फांसी लगा ली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कॉलोनी में चर्चा है कि शेयर मार्केट में हुए नुकसान के कारण वह कुछ दिनों से अवसाद में थे।
कारखाने के आवासीय परिसर में टाइप फोर कॉलोनी के मकान नंबर 4235-डी में दोपहर करीब दो बजे मेकेनिकल विभाग में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर (व्हील प्रोडक्शन) विश्वजीत कुमार (34) ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली।
घटना के समय पत्नी श्वेता बच्चों के साथ छत पर धूप में बैठीं थीं। जब वह नीचे आईं तो देखा कि पति के कमरे का दरवाजा बंद था। पत्नी के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हुए। लोग दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसे तो वहां का मंजर देख भी सन्न रह गए।
विश्वजीत का शव पंखे के हुक से लटका रहा था। आननफानन में लोगों ने उन्हें एमसीएफ अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। विश्वजीत मूलरूप से बिहार प्रांत के मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाले थे। आसपास के लोगों में चर्चा है कि शेयर मार्केट में हुए नुकसान के कारण वह कई दिनों से अवसाद में थे।
कॉलोनी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे
मृतक विश्वजीत और उसकी पत्नी दोनों कॉलोनी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया करते थे। उनकी क्लास में काफी संख्या में बच्चे आते थे। विश्वजीत बेहद व्यवहार कुशल थे। उनके निधन पर पर पूरे परिसर के लोग शोक में डूबे हैं।