टीम इंडिया के उभरते हुए क्रिकेटर व पश्चिम बंगाल टीम के कप्तान मनोज तिवारी के पिता को अगवा कर उनकी जमीन बैनामा कराने की परिवार के ही दो लोगों ने कोशिश की। शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों आरोपी युवकों को हिरासत में ले लिया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर मनोज तिवारी का पैतृक घर कंधई थाना क्षेत्र के सकरा गांव में है। मनोज का परिवार पश्चिम बंगाल में ही रहता है। यहां मनोज के पिता के परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। दो जुलाई को मनोज के पिता श्यामशंकर तिवारी पत्नी के साथ सकरा आए। बुधवार की सुबह वह घर के बाहर घूम रहे थे।
इस बीच परिवार के दो युवक उन्हें बहला फुसलाकर नारायणपुर बाजार घुमाने की बात कहकर निकले। काफी देर बाद भी जब श्यामशंकर नहीं लौटे तो परिजनों ने गांव के कुछ लोगों को उनकी तलाश करने बाजार भेजा। तभी पता चला कि परिवार के दो लोगों के साथ वह पट्टी की ओर जाते दिखाई दिए हैं। आरोप है कि श्यामशंकर को लेकर आया युवक उनकी जमीन बैनामा कराने की तैयारी में था। परिजनों ने हंगामा करते हुए बैनामा के कागजात फाड़ डाले। इस बात की जानकारी मिलते ही क्रिकेटर मनोज व उनके भाई राजकुमार तिवारी ने कंधई एसओ से पिता को अगवा कर धोखे से जमीन का बैनामा कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। हरकत में आई पुलिस ने तत्काल आरोपी युवकों की खोजबीन शुरू कर दी और कुछ ही देर में दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
परिवार के लोगों की संपत्ति पर गड़ी है नजर
सकरा निवासी श्यामशंकर तिवारी नौकरी के समय से ही अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पश्चिम बंगाल में रहने लगे। बेटा मनोज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर बना तो परिवार के लोग फूले नहीं समाए। परिवार के अधिकांश लोगों का मानना था कि श्यामशंकर अब यहां रहने नहीं आएंगे। लिहाजा उनकी संपत्ति किसी भी तरह अपने नाम दर्ज करा ली जाए। मौका मिलते ही परिवार के लोगों ने कोशिश भी की लेकिन बात नहीं बन सकी। मनोज के भाई राजकुमार तिवारी ने बताया कि परिवार के लोगों ने उनके पिता को झांसा देकर तीन विस्वा जमीन बैनामा कराने की कोशिश की। इसके पहले भी वे लोग जमीन की सौदेबाजी कर चुके हैं। हालांकि उन लोगों को अपनी जमीन बेचना ही नहीं है।
आरोपियों ने कहा, जमीन के लिए दिया था एडवांस
क्रिकेटर मनोज के पिता को अगवा कर जमीन बैनामा कराने के आरोपी दोनों युवक परिवार के ही हैं। पुलिस हिरासत में उन लोगों ने बताया कि तीन विस्वा जमीन खरीदने के लिए उन लोगों ने श्यामशंकर को दस हजार रुपये एडवांस दिए थे। उसी जमीन का बैनामा कराने के लिए तहसील ले गया। बैनामा होने के बाद शेष रुपये भी दे दिए जाते। जमीन बेचने के पक्ष में मनोज की मां नहीं हैं।