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हीरागंज। हथिगंवा थाना क्षेत्र के शिवरामपुर गांव में पिता के घर रह रही राम संवारी (32) ने गुरुवार को आग लगाकर जान दे दी। वह अपने तीन बच्चे ससुराल में छोड़कर आई थी।
रामसंवारी का विवाह हथिगंवा थाना क्षेत्र के बछंदामऊ गांव निवासी लल्लू के साथ हुआ था। उसके दो बेटी और एक बेटा है। पति पंजाब में भट्ठा मजदूर है। कोई तीन माह पहले वह अपने तीनों बच्चाें को ससुराल में छोड़कर पिता के घर आ गई थी। परिजनों के अनुसार उसकी मानसिक स्थिति कमजोर थी। वह तीन दिन पहले कुंए में कूद गई थी। इससे पहले ट्रेन के आगे भी कूदने का प्रयास किया था। एक बार इलाहाबाद जाने के दौरान गायब हो गई तो ससुराल और मायके के लोगों में विवाद भी हुआ था। गुरुवार भोर में अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। माता-पिता के शोर मचाने पर गांव के लोग पहुंचे और उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। एसओ हथिगंवा निशीकांत राय ने बताया कि वह मानसिक रूप से कमजोर थी। मायके में उसने आग लगाकर जान दी है। किसी ने तहरीर नहीं दी है।
हीरागंज। हथिगंवा थाना क्षेत्र के शिवरामपुर गांव में पिता के घर रह रही राम संवारी (32) ने गुरुवार को आग लगाकर जान दे दी। वह अपने तीन बच्चे ससुराल में छोड़कर आई थी।
रामसंवारी का विवाह हथिगंवा थाना क्षेत्र के बछंदामऊ गांव निवासी लल्लू के साथ हुआ था। उसके दो बेटी और एक बेटा है। पति पंजाब में भट्ठा मजदूर है। कोई तीन माह पहले वह अपने तीनों बच्चाें को ससुराल में छोड़कर पिता के घर आ गई थी। परिजनों के अनुसार उसकी मानसिक स्थिति कमजोर थी। वह तीन दिन पहले कुंए में कूद गई थी। इससे पहले ट्रेन के आगे भी कूदने का प्रयास किया था। एक बार इलाहाबाद जाने के दौरान गायब हो गई तो ससुराल और मायके के लोगों में विवाद भी हुआ था। गुरुवार भोर में अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। माता-पिता के शोर मचाने पर गांव के लोग पहुंचे और उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी। एसओ हथिगंवा निशीकांत राय ने बताया कि वह मानसिक रूप से कमजोर थी। मायके में उसने आग लगाकर जान दी है। किसी ने तहरीर नहीं दी है।