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प्रतापगढ़। अंतू थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव निवासी वकील विमल चंद मिश्र का शव कचहरी पहुंचते ही साथी आक्रोशित हो उठे। वकीलों ने विमल का शव पुलिस लाइंस गेट पर रखकर जाम लगा दिया। एसओ को हटाने के आश्वासन पर वकीलों ने जाम खत्म किया।
विमल 17 जनवरी को कचहरी से घर लौटते समय गायब हो गए थे। तीसरे दिन सुबह गांव के पास ही खून से सना उनका मफलर, डायरी, अधजला बोरा आदि मिला था। परिजन विरोधियाें पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। वकीलों के दबाव पर पुलिस ने हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं की। सोमवार शाम सई नदी में रानीगंज थाना क्षेत्र के चौहरजन धाम के पास विमल का शव बरामद हुआ। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पुलिस शव को घर ले जाना चाहती थी लेकिन वकील उसे लेकर कचहरी आ धमके। यहां पुलिस लाइंस गेट के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। वकील एसओ अंतू के निलंबन और आरोपियाें की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। इस दौरान पुलिस से कई बार उनकी झड़प भी हुई। एमएलसी गोपाल जी के साथ एएसपी समझाने आए लेकिन लोगाें ने उन्हें वापस कर दिया। जाम के कारण पुलिस लाइंस के भीतर चल रहे चेक वितरण समारोह में भी लोगाें का आवागमन नहीं हो पा रहा था। करीब दो घंटे बाद एसपी पहुंचे और एसओ को लाइन हाजिर करने के साथ ही लापरवाही की जांच कराने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। इस दौरान जूबाए अध्यक्ष आद्या प्रसाद सिंह, राजकुमार, विजय शंकर तिवारी, कौशलेंद्र सिंह, मकरंद शुक्ल, विवेक शुक्ला, अभिषेक तिवारी, सिराजुद्दीन, आरिफ, प्रभाकर, धर्मेंद्र सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इसहाक खां, मुक्कू ओझा, शांति सिंह आदि थे।
पुलिस लाइंस में चल रहे जिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र पटेल के बरोजगारी भत्ता चेक वितरण समारोह में बाबागंज विधायक विनोद सरोज को पैदल जाना पड़ा। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री तो चले गए थे उसके बाद वकीलों ने गेट पर जाम लगा दिया। बाबागंज विधायक ने वकीलों का जाम देखकर अपनी गाड़ी छोड़ दी और पैदल पुलिस लाइंस में घुसे गए।
विमल के शव का पोस्टमार्टम दो डाक्टराें के पैनल ने किया। प्रभारी डीएम के आदेश पर सीएमओ ने डा. पीएम गुप्ता और डा. पीपी पांडेय का पैनल गठित किया था। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अधिवक्ता विमल का शव छह से आठ दिनाें से पानी में होने की बात कही गई है। विमल के सिर, सीने और फेफडे़ में चोटें आने के कारण उनकी मौत हुई है। डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल भी लिया गया है।
सोमवार शाम को ही वकील का शव मिलने के कारण मंगलवार को कचहरी में बवाल की आशंका थी। ऐसे में अधिकारियाें ने कई थानेदाराें के साथ ही पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया था। पुलिस लाइंस में प्रभारी मंत्री का कार्यक्रम होने के कारण एसपी आफिस सूना रहा। ऐसे में वकीलों ने भी एसपी आफिस के बजाय पुलिस लाइंस गेट पर जाम लगा दिया। पुलिस के लिए राहत वाली बात यह रही है कि कुंभ के मद्देनजर जिले में कैंप कर रही सीआरपीएफ भी यहां पहुंच गई थी। सीआरपीएफ की मौजूदगी ही बवाल रोकने में कारगर रही।
पोस्टमार्टम के बाद चीरघर से विमल मिश्र का शव स्ट्रेचर से लेकर वकील कचहरी पहुंच गए। रास्ते में सीओ सिटी और प्रभारी शहर कोतवाल ने वकीलाें को रोकने का प्रयास किया लेकिन इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। पुलिस को पहले से ही आशंका थी कि शव को लेकर वकील कचहरी आ सकते हैं। सीओ और कोतवाल वकीलों का आक्रोश देखते हुए किनारे हट लिए।
प्रतापगढ़। अंतू थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव निवासी वकील विमल चंद मिश्र का शव कचहरी पहुंचते ही साथी आक्रोशित हो उठे। वकीलों ने विमल का शव पुलिस लाइंस गेट पर रखकर जाम लगा दिया। एसओ को हटाने के आश्वासन पर वकीलों ने जाम खत्म किया।
विमल 17 जनवरी को कचहरी से घर लौटते समय गायब हो गए थे। तीसरे दिन सुबह गांव के पास ही खून से सना उनका मफलर, डायरी, अधजला बोरा आदि मिला था। परिजन विरोधियाें पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। वकीलों के दबाव पर पुलिस ने हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं की। सोमवार शाम सई नदी में रानीगंज थाना क्षेत्र के चौहरजन धाम के पास विमल का शव बरामद हुआ। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पुलिस शव को घर ले जाना चाहती थी लेकिन वकील उसे लेकर कचहरी आ धमके। यहां पुलिस लाइंस गेट के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। वकील एसओ अंतू के निलंबन और आरोपियाें की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। इस दौरान पुलिस से कई बार उनकी झड़प भी हुई। एमएलसी गोपाल जी के साथ एएसपी समझाने आए लेकिन लोगाें ने उन्हें वापस कर दिया। जाम के कारण पुलिस लाइंस के भीतर चल रहे चेक वितरण समारोह में भी लोगाें का आवागमन नहीं हो पा रहा था। करीब दो घंटे बाद एसपी पहुंचे और एसओ को लाइन हाजिर करने के साथ ही लापरवाही की जांच कराने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। इस दौरान जूबाए अध्यक्ष आद्या प्रसाद सिंह, राजकुमार, विजय शंकर तिवारी, कौशलेंद्र सिंह, मकरंद शुक्ल, विवेक शुक्ला, अभिषेक तिवारी, सिराजुद्दीन, आरिफ, प्रभाकर, धर्मेंद्र सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इसहाक खां, मुक्कू ओझा, शांति सिंह आदि थे।
पुलिस लाइंस में चल रहे जिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र पटेल के बरोजगारी भत्ता चेक वितरण समारोह में बाबागंज विधायक विनोद सरोज को पैदल जाना पड़ा। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री तो चले गए थे उसके बाद वकीलों ने गेट पर जाम लगा दिया। बाबागंज विधायक ने वकीलों का जाम देखकर अपनी गाड़ी छोड़ दी और पैदल पुलिस लाइंस में घुसे गए।
विमल के शव का पोस्टमार्टम दो डाक्टराें के पैनल ने किया। प्रभारी डीएम के आदेश पर सीएमओ ने डा. पीएम गुप्ता और डा. पीपी पांडेय का पैनल गठित किया था। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अधिवक्ता विमल का शव छह से आठ दिनाें से पानी में होने की बात कही गई है। विमल के सिर, सीने और फेफडे़ में चोटें आने के कारण उनकी मौत हुई है। डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल भी लिया गया है।
सोमवार शाम को ही वकील का शव मिलने के कारण मंगलवार को कचहरी में बवाल की आशंका थी। ऐसे में अधिकारियाें ने कई थानेदाराें के साथ ही पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया था। पुलिस लाइंस में प्रभारी मंत्री का कार्यक्रम होने के कारण एसपी आफिस सूना रहा। ऐसे में वकीलों ने भी एसपी आफिस के बजाय पुलिस लाइंस गेट पर जाम लगा दिया। पुलिस के लिए राहत वाली बात यह रही है कि कुंभ के मद्देनजर जिले में कैंप कर रही सीआरपीएफ भी यहां पहुंच गई थी। सीआरपीएफ की मौजूदगी ही बवाल रोकने में कारगर रही।
पोस्टमार्टम के बाद चीरघर से विमल मिश्र का शव स्ट्रेचर से लेकर वकील कचहरी पहुंच गए। रास्ते में सीओ सिटी और प्रभारी शहर कोतवाल ने वकीलाें को रोकने का प्रयास किया लेकिन इन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। पुलिस को पहले से ही आशंका थी कि शव को लेकर वकील कचहरी आ सकते हैं। सीओ और कोतवाल वकीलों का आक्रोश देखते हुए किनारे हट लिए।