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परियावां। नवाबगंज थाना क्षेत्र के परियावां रेलवे स्टेशन पर जाको राखे साइयां मार सके न कोय कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब एक महिला ट्रेन पर चढ़ते समय अचानक गिर गई। ट्रेन चल पड़ी तो महिला और उसके दुधमुंहे बच्चे को सकुशल निकाला गया।
परियावां गांव निवासी अमवर की पत्नी नूरजहां (32) अपने तीन बच्चों संग कहीं जाने के लिए गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन पर शुक्रवार की सुबह चढ़ रही थी। दो बच्चों को चढ़ाने के बाद वह चार माह के दुधमुंहे बच्चे संग चढ़ने लगी तभी पैर फिसलने से नीचे गिर गई। इसी बीच ट्रेन चल पड़ी। बच्चा छिटक कर जहां बीच ट्रैक में पड़ा रहा, वहीं वह प्लेटफार्म एवं ट्रैक के बीच चिपकी रही। ट्रेन गुजरने के बाद लोगों ने दोनों को बाहर निकाला। दोनों को खरोंच तक नहीं आई थी। सूचना पर जीआरपी ने ऊंचाहार में बच्चों को उतारा। घटना को लेकर लोगों में काफी चर्चा रही।
परियावां। नवाबगंज थाना क्षेत्र के परियावां रेलवे स्टेशन पर जाको राखे साइयां मार सके न कोय कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब एक महिला ट्रेन पर चढ़ते समय अचानक गिर गई। ट्रेन चल पड़ी तो महिला और उसके दुधमुंहे बच्चे को सकुशल निकाला गया।
परियावां गांव निवासी अमवर की पत्नी नूरजहां (32) अपने तीन बच्चों संग कहीं जाने के लिए गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन पर शुक्रवार की सुबह चढ़ रही थी। दो बच्चों को चढ़ाने के बाद वह चार माह के दुधमुंहे बच्चे संग चढ़ने लगी तभी पैर फिसलने से नीचे गिर गई। इसी बीच ट्रेन चल पड़ी। बच्चा छिटक कर जहां बीच ट्रैक में पड़ा रहा, वहीं वह प्लेटफार्म एवं ट्रैक के बीच चिपकी रही। ट्रेन गुजरने के बाद लोगों ने दोनों को बाहर निकाला। दोनों को खरोंच तक नहीं आई थी। सूचना पर जीआरपी ने ऊंचाहार में बच्चों को उतारा। घटना को लेकर लोगों में काफी चर्चा रही।