प्रतापगढ़। कड़ाके की ठंड में मासूम बच्चे के साथ कोतवाली पहुंची महिला को इंसाफ की जगह पुलिस की दुत्कार मिली। प्रभारी कोतवाल के सामने मामला आने से पहले ही वहां तैनात पहरुओं ने अपना फैसला सुना उसे भगा दिया। वह कलेजे के टुकड़े को लेकर आला अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देती रही लेकिन वहां भी सिर्फ आश्वासन मिलता रहा।
नगर कोतवाली के दुजई का पुरवा निवासी ओमप्रकाश ने दो वर्ष पहले पट्टी कोतवाली के दुकरापट्टी गांव निवासी छोटेलाल की पुत्री सुधा से मंदिर में विवाह किया था। शादी के बाद वह अपनी ससुराल में रहती थी। दोनों के एक बेटा भी पैदा हुआ। मंगलवार रात ससुराल के लोगों ने सुधा को मारपीटकर घर से भगा दिया। घायल सुधा इंसाफ मांगने के लिए बुधवार सुबह कड़ाके की ठंड में अपने कलेजे के टुकड़े को लेकर कोतवाली पहुंची। उस समय प्रभारी कोतवाल मौजूद नहीं थे। सुधा ने आरोप लगाया कि सिपाहियों ने उसकी बात सुनने के बजाय दुत्कार कर भगा दिया। उसके प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई तो दूर मुंशी और दीवान ने पीली पर्ची तक नहीं दी। फटकार से भयभीत महिला मासूम बच्चे को लेकर पुलिस कार्यालय में भी भटकती रही लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला। इस बाबत सीओ सिटी शिवाजी शुक्ल ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो वह मामले की जांच कराएंगे।
प्रतापगढ़। कड़ाके की ठंड में मासूम बच्चे के साथ कोतवाली पहुंची महिला को इंसाफ की जगह पुलिस की दुत्कार मिली। प्रभारी कोतवाल के सामने मामला आने से पहले ही वहां तैनात पहरुओं ने अपना फैसला सुना उसे भगा दिया। वह कलेजे के टुकड़े को लेकर आला अधिकारियों की चौखट पर दस्तक देती रही लेकिन वहां भी सिर्फ आश्वासन मिलता रहा।
नगर कोतवाली के दुजई का पुरवा निवासी ओमप्रकाश ने दो वर्ष पहले पट्टी कोतवाली के दुकरापट्टी गांव निवासी छोटेलाल की पुत्री सुधा से मंदिर में विवाह किया था। शादी के बाद वह अपनी ससुराल में रहती थी। दोनों के एक बेटा भी पैदा हुआ। मंगलवार रात ससुराल के लोगों ने सुधा को मारपीटकर घर से भगा दिया। घायल सुधा इंसाफ मांगने के लिए बुधवार सुबह कड़ाके की ठंड में अपने कलेजे के टुकड़े को लेकर कोतवाली पहुंची। उस समय प्रभारी कोतवाल मौजूद नहीं थे। सुधा ने आरोप लगाया कि सिपाहियों ने उसकी बात सुनने के बजाय दुत्कार कर भगा दिया। उसके प्रार्थना पत्र पर कार्रवाई तो दूर मुंशी और दीवान ने पीली पर्ची तक नहीं दी। फटकार से भयभीत महिला मासूम बच्चे को लेकर पुलिस कार्यालय में भी भटकती रही लेकिन उसे इंसाफ नहीं मिला। इस बाबत सीओ सिटी शिवाजी शुक्ल ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो वह मामले की जांच कराएंगे।