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पीलीभीत। दोपहर भोजन गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। मानक ताक पर रख कर स्कूलों में नौनिहालों को भोजन परोसा जा रहा है। सालों से एक ही मीनूू पर बच्चों को खाना दिया जा रहा है। इससे उनका जायका नहीं बदल पा रहा है। जुलाई से अब तक 250 निरीक्षण में महकमे के अधिकारियों को केवल 15 से अधिक स्कूलों में क्वालिटी युक्त भोजन नहीं मिला है। जबकि आए दिन शिकायतों के अंबार डीएम कार्यालय में पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में जहां प्रधान के जरिए परिषदीय स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। पूरे जिले में डूडा विभाग 92 स्कूलों में भोजन की व्यवस्था की गई है। जिले के 1230 प्राथमिक 570 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें शहरी क्षेत्र में करीब चालीस विद्यालय हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब हर रोज 2.25 लाख बच्चे भोजन करते हैं। इनके भोजन के लिए जिले में कुल 1117 गैस कनेक्शन और कुल डीबीसी सिलेंडर 1,833 हैं। प्राइमरी कक्षा की प्रति बच्चा कन्वर्जन कॉस्ट 3.11 रुपये और जूनियर की कॉस्ट 4.65 रुपये हैं। इसके लिए इस साल करीब पौने दो करोड़ रुपये का भी बजट आया है। मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को खाना देने के लिए मीनू बनाया गया है। इसमें सोमवार को रोटी सब्जी, जिसमें सोयाबीन अथवा दलिया, मंगलवार को चावल-सब्जी युक्त दाल/ दलिया मीठा या नमकीन देना है, लेकिन यहां तो सारे कायनात उलट है। प्रधान अपनी मर्जी के अनुसार बच्चों को खाना देते हैं। खुद के मीनू में वह रोटी सब्जी कभी कभार ही शामिल कर देते हैं। दलिया व पतली खीर ही मीनू के अनुसार देते हैं। चूंकि मीनू में दलिया व खीर अंकित है। इस कारण रोटी और सब्जी को मीनू से हटा लेते हैं। बात यहां तक हो तो गनीमत है। यह हम नहीं विभागीय आंकड़े कह रहे हैं। जुलाई से लेकर अब तक ढाई सौ से अधिक निरीक्षण किए जा चुके हैं। इसमें से पंद्रह से अधिक से अधिक स्कूलां में निरीक्षण के दौरान मीनू के अनुसार भोजन बनता हुआ तथा गुणवत्ता युक्त नहीं मिला है।
ग्रामीणों ने बीएसए से की शिकायत
विकास खंड अमरिया के ग्राम बांस खेडा के ग्रामीणों ने इंचार्ज शिक्षक पर मिड डेे मील की अनियमितता का आरोप लगाया है। ग्रामीणों में शबनम जहां, शमशुल हसन, मुनब्बर हुसैन, सफी अहमद, सोमपाल, पातीराम, अनीस अहमद, बाबू, सद्दाम हुसैन ने हस्ताक्षर सहित पत्र दिया था। बीएसए मनोज कुमार ने इस मामले में एबीएस को जांच के आदेश दिए है।
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जिन स्कूलों में निरीक्षण के दौरान भोजन गुणवत्ता युक्त नहीं मिला है। संबंधित प्रधान और संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
- मनोज कुमार , बीएसए
पीलीभीत। दोपहर भोजन गुणवत्ता की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है। मानक ताक पर रख कर स्कूलों में नौनिहालों को भोजन परोसा जा रहा है। सालों से एक ही मीनूू पर बच्चों को खाना दिया जा रहा है। इससे उनका जायका नहीं बदल पा रहा है। जुलाई से अब तक 250 निरीक्षण में महकमे के अधिकारियों को केवल 15 से अधिक स्कूलों में क्वालिटी युक्त भोजन नहीं मिला है। जबकि आए दिन शिकायतों के अंबार डीएम कार्यालय में पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में जहां प्रधान के जरिए परिषदीय स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जा रहा है। पूरे जिले में डूडा विभाग 92 स्कूलों में भोजन की व्यवस्था की गई है। जिले के 1230 प्राथमिक 570 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें शहरी क्षेत्र में करीब चालीस विद्यालय हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब हर रोज 2.25 लाख बच्चे भोजन करते हैं। इनके भोजन के लिए जिले में कुल 1117 गैस कनेक्शन और कुल डीबीसी सिलेंडर 1,833 हैं। प्राइमरी कक्षा की प्रति बच्चा कन्वर्जन कॉस्ट 3.11 रुपये और जूनियर की कॉस्ट 4.65 रुपये हैं। इसके लिए इस साल करीब पौने दो करोड़ रुपये का भी बजट आया है। मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को खाना देने के लिए मीनू बनाया गया है। इसमें सोमवार को रोटी सब्जी, जिसमें सोयाबीन अथवा दलिया, मंगलवार को चावल-सब्जी युक्त दाल/ दलिया मीठा या नमकीन देना है, लेकिन यहां तो सारे कायनात उलट है। प्रधान अपनी मर्जी के अनुसार बच्चों को खाना देते हैं। खुद के मीनू में वह रोटी सब्जी कभी कभार ही शामिल कर देते हैं। दलिया व पतली खीर ही मीनू के अनुसार देते हैं। चूंकि मीनू में दलिया व खीर अंकित है। इस कारण रोटी और सब्जी को मीनू से हटा लेते हैं। बात यहां तक हो तो गनीमत है। यह हम नहीं विभागीय आंकड़े कह रहे हैं। जुलाई से लेकर अब तक ढाई सौ से अधिक निरीक्षण किए जा चुके हैं। इसमें से पंद्रह से अधिक से अधिक स्कूलां में निरीक्षण के दौरान मीनू के अनुसार भोजन बनता हुआ तथा गुणवत्ता युक्त नहीं मिला है।
ग्रामीणों ने बीएसए से की शिकायत
विकास खंड अमरिया के ग्राम बांस खेडा के ग्रामीणों ने इंचार्ज शिक्षक पर मिड डेे मील की अनियमितता का आरोप लगाया है। ग्रामीणों में शबनम जहां, शमशुल हसन, मुनब्बर हुसैन, सफी अहमद, सोमपाल, पातीराम, अनीस अहमद, बाबू, सद्दाम हुसैन ने हस्ताक्षर सहित पत्र दिया था। बीएसए मनोज कुमार ने इस मामले में एबीएस को जांच के आदेश दिए है।
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जिन स्कूलों में निरीक्षण के दौरान भोजन गुणवत्ता युक्त नहीं मिला है। संबंधित प्रधान और संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
- मनोज कुमार , बीएसए