मृतक आश्रित में हुई थी नियुक्ति
अनुभव प्रमाण पत्र न होने से फंसा पेंच
पीलीभीत। शासनादेश के विपरीत शिक्षा विभाग में नौकरी करने का एक मामला प्रकाश में आया है, हालांकि सूबे के तमाम जनपदों में इस तरह के मामले हैं। इससे जिले में मृतक आश्रित कोटे के चार शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। विभाग को अनुभव दस्तावेज उपलब्ध न करा पाने के कारण उनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। इससे मृतक आश्रित कोटे में तैनात शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
जिले के विकास खंड मरौरी के प्राथमिक विद्यालय कुठियारत्ते में दीपक कुमार, शिवपुरिया प्राथमिक विद्यालय में जितेंद्र कुमार, पूरनपुर विकास खंड के ग्राम रसूलपुर चपुखरा प्राथमिक विद्यालय में जंगबहादुर और मरौरी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भूड़ा विक्रम में मोहित कुमार की नियुक्ति शिक्षक के पद पर मृतक आश्रित कोटे में हुई थी। 27 जुलाई 2011 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नोटीफिकेशन हुआ था। सात नवंबर 2011 को सरकार ने शासनादेश जारी कर कहा था कि मृतक आश्रित कोटे में वही अध्यापक पद का पात्र होगा, जो प्रशिक्षित होगा। चूंकि इन चारों अध्यापकों की नियुक्ति नोटीफिकेशन और शासनादेश जारी होने के बीच चार माह के अंतराल में हुई थी। शासनादेश जारी होने के बाद बीएसए आरके सिंह ने मृतक आश्रित कोटे के तहत नियुक्ति किए गए शिक्षकों को नोटिस देकर प्रशिक्षित प्रमाण पत्र मांगे थे, लेकिन चारों शिक्षक अनुभव प्रमाण पत्र विभाग को उपलब्ध नहीं करा सके। बीएसए आरके सिंह ने बताया कि शिक्षक मोहित कुमार, जंगबहादुर, दीपक कुमार और जितेंद्र कुमार को नोटिस जारी किया था। अनुभव प्रमाण पत्र उपलब्ध न करा पाने के कारण विभागीय नियमों के अनुसार चारों शिक्षकों को बर्खास्त करने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।