पीलभीत/ पूरनपुर। छह माह से गांव कढ़ेरचौरा और उसके आसपास के इलाकों में आतंक मचाने वाले बाघ के पग चिन्ह रंपुराकोन गांव के निकट पाए गए हैं। इससे गांव और उसके आसपास के इलाके में हड़कंप मचा है। दहशतजदा ग्रामीण जागकर रात बिता रहे हैं। सामाजिक वानिकी ने गांव किनारे नाले की झाड़ियों में बाघ होने की आशंका जताई है।
झुकना पुल के नीचे डेरा जमाए बाघ शुक्रवार को वहां से निकलकर चार किलोमीटर दूर ग्राम रंपुराकोन के करीब पहुंच गया। सामाजिक वानिकी को गांव के पास पग चिन्ह मिले हैं। नाले की झाड़ियों में उसके होने की संभावना पर सुबह छह बजे ट्रैंकुलाइजिंग टीम हाथियों में सवार होकर पहुंची, लेकिन धूप अधिक हो जाने के कारण टीम को अभियान रोकना पड़ा। रेंजर हबीब वेग ने बताया कि बाघ को पुन: झुकना पुल की ओर लाने का प्रयास किया जाएगा। रास्ते में दो तीन जगह खुले में बकरियां बांधी जाएंगी, ताकि बाघ शिकार के लालच में झुकना पुल तक पहुंच जाएगा। शनिवार की सुबह टीम बाघ को दुबारा झाड़ियां में ट्रेस करेगी। उधर गांव के समीप बाघ के पग चिह्न मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। ग्रामीण अब दिन में भी खेतों में जाने से कतराने लगे हैं।
पीलभीत/ पूरनपुर। छह माह से गांव कढ़ेरचौरा और उसके आसपास के इलाकों में आतंक मचाने वाले बाघ के पग चिन्ह रंपुराकोन गांव के निकट पाए गए हैं। इससे गांव और उसके आसपास के इलाके में हड़कंप मचा है। दहशतजदा ग्रामीण जागकर रात बिता रहे हैं। सामाजिक वानिकी ने गांव किनारे नाले की झाड़ियों में बाघ होने की आशंका जताई है।
झुकना पुल के नीचे डेरा जमाए बाघ शुक्रवार को वहां से निकलकर चार किलोमीटर दूर ग्राम रंपुराकोन के करीब पहुंच गया। सामाजिक वानिकी को गांव के पास पग चिन्ह मिले हैं। नाले की झाड़ियों में उसके होने की संभावना पर सुबह छह बजे ट्रैंकुलाइजिंग टीम हाथियों में सवार होकर पहुंची, लेकिन धूप अधिक हो जाने के कारण टीम को अभियान रोकना पड़ा। रेंजर हबीब वेग ने बताया कि बाघ को पुन: झुकना पुल की ओर लाने का प्रयास किया जाएगा। रास्ते में दो तीन जगह खुले में बकरियां बांधी जाएंगी, ताकि बाघ शिकार के लालच में झुकना पुल तक पहुंच जाएगा। शनिवार की सुबह टीम बाघ को दुबारा झाड़ियां में ट्रेस करेगी। उधर गांव के समीप बाघ के पग चिह्न मिलने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। ग्रामीण अब दिन में भी खेतों में जाने से कतराने लगे हैं।