पीलीभीत। गांव में राजनैतिक गुटबाजी के चलते कई बार पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। खासकर वृद्धावस्था पेंशनधारकों के चयन में ग्राम प्रधानों की मनमानी कतई नहीं चलेगी। पात्र लाभार्थी अब सीधे बीडीओ के पास आवेदन कर सकेंगे और योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शासन ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि गरीबों के कल्याणार्थ शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, जिनमें अधिकांश मामलों में लाभार्थियों का चयन ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा किया जाता है। शासनादेश के मुताबिक पात्र लाभार्थियों का चयन खुली बैठक में किया जाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। सूत्र बताते हैं कि अधिकांश मामलों में प्रधान अपने पक्ष के लोगों का चयन बिना खुली बैठक कर लेते हैं, जिसके चलते कई बार पात्र लाभार्थी वंचित रह जाते हैं। इसके पीछे गंवई सियासत और गुटबाजी कारण माना जा रहा है। इन्हीं शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए शासन ने लाभार्थियों के चयन प्रक्रिया में संशोधन कर दिया है। जिले में 32337 पेंशनधारक हैं, जिनका दोबारा सर्वे कर नई सूची बनाने के निर्देश हैं। अनुमान के मुताबिक हर साल कुछ न कुछ वृद्धावस्था पेंशनधारकों की मौत हो जाती है, उनके स्थान पर नए लाभार्थियों का चयन किया जाना है। सीडीओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लाभार्थियों के चयन के संबंध में सभी बीडीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
बाक्स
80 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग को पांच सौ प्रतिमाह
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से 79 वर्ष तक के पेंशनधारकों को 300 रुपये प्रतिमाह की दर से छमाही 1800 रुपये मिलेंगे। वहीं 80 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के पेंशनधारकों को प्रतिमाह 500 रुपये एवं छमाही 3000 रुपये की दर से भुगतान का प्राविधान है।
पीलीभीत। गांव में राजनैतिक गुटबाजी के चलते कई बार पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। खासकर वृद्धावस्था पेंशनधारकों के चयन में ग्राम प्रधानों की मनमानी कतई नहीं चलेगी। पात्र लाभार्थी अब सीधे बीडीओ के पास आवेदन कर सकेंगे और योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शासन ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बता दें कि गरीबों के कल्याणार्थ शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, जिनमें अधिकांश मामलों में लाभार्थियों का चयन ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा किया जाता है। शासनादेश के मुताबिक पात्र लाभार्थियों का चयन खुली बैठक में किया जाए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। सूत्र बताते हैं कि अधिकांश मामलों में प्रधान अपने पक्ष के लोगों का चयन बिना खुली बैठक कर लेते हैं, जिसके चलते कई बार पात्र लाभार्थी वंचित रह जाते हैं। इसके पीछे गंवई सियासत और गुटबाजी कारण माना जा रहा है। इन्हीं शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए शासन ने लाभार्थियों के चयन प्रक्रिया में संशोधन कर दिया है। जिले में 32337 पेंशनधारक हैं, जिनका दोबारा सर्वे कर नई सूची बनाने के निर्देश हैं। अनुमान के मुताबिक हर साल कुछ न कुछ वृद्धावस्था पेंशनधारकों की मौत हो जाती है, उनके स्थान पर नए लाभार्थियों का चयन किया जाना है। सीडीओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि लाभार्थियों के चयन के संबंध में सभी बीडीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
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80 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग को पांच सौ प्रतिमाह
राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से 79 वर्ष तक के पेंशनधारकों को 300 रुपये प्रतिमाह की दर से छमाही 1800 रुपये मिलेंगे। वहीं 80 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के पेंशनधारकों को प्रतिमाह 500 रुपये एवं छमाही 3000 रुपये की दर से भुगतान का प्राविधान है।