पीलीभीत। छह माह से पूरनपुर इलाके में एक बाघ की दहशत है। चार गांवों में घूम रहे इस बाघ को वनाधिकारी ट्रैस नहीं कर पा रहे हैं। कई बार उसकी घेराबंदी हो चुकी है, लेकिन वह भाग निकलता है। महकमे के अधिकारी भी मजबूर हैं, क्योंकि ट्रैपिंग एक्सर्ट न होने के कारण उसे पिंजरे में भी कैद नहीं कर पा रहे हैं।
मालूम हो कि सामाजिक वानिकी वन प्रभाग की पूरनपुर रेंज में एक बाघ छह माह पहले कढ़ेर चौरा गांव के पास देखा गया। वह झाड़ियों में छिप गया था। जंगल के अधिकारियों ने दिन में उसे घेरे रखा, लेकिन वह नहीं निकला। रात में बकरी बांधकर पिंजरा लगाया गया, लेकिन बाघ बकरी को खा गया और पिंजरे में कैद न हो सका। होता भी कैसे, यह काम किसी एक्सपर्ट ने नहीं, बल्कि फॉरेस्ट गार्ड और वाचरों ने मिलकर किया था। इधर दो बाघों की मौत के बाद इस टाइगर ने कढ़ेरचौरा, नदहा, पड़रिया और भायपुर में लगातार देखा गया तो करीब पांच हजार लोगों की नींद उड़ गई। लोग रात-रात जागकर अपने मवेशी बचा रहे हैं। दहशत का आलम यह है कि पिछले दिनों कढ़ेरचौरा के जसविंदर सिंह, त्रिलोक सिंह, सरदारा सिंह, सरजीत सिंह, दलजीत सिंह समेत करीब 20 सिख लोगों ने एडीएम को पत्र देकर इस बाघ को पकड़वाकर राहत देने की मांग की थी। इधर वन अधिकारियों के लिए भी यह बाघ मुसीबत बना है। उनका कहना है कि किसी पर हमला कर दिया तो एक बड़ी समस्या बन जाएगी। बाघ को तलाश करने में नियमित रूप से वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सामाजिक वानिकी के एसडीओ गजेंद्र सिंह का कहना है कि रेंज कार्यालय पर ड्यूटियां लगा दी गई हैं। पिंजरा भी मंगा लिया गया है, लेकिन ट्रैपिंग एक्सपर्ट न होने के कारण इसे अभी लगवाया नहीं गया है। ट्रैपिंग एक्सपर्ट के लिए उन्होंने लिखापढ़ी की है। साथ ही बाघ को ट्रैकुलाइज करने के लिए डब्ल्यूटीआई के डॉ सौरभ सिंधवी को भेजा जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही वह अपनी टीम सहित आकर इस बाघ को पकड़ेंगे।
बाक्स
किसे कहते हैं ट्रैपिंग एक्सपर्ट
फंदे वाले पिंजरे में जानवर को फांसने वाले व्यक्ति को ट्रैपिंग एक्सपर्ट कहा जाता है। वन महकमे में ट्रैपिंग एक्सपर्ट की नियुक्ति होती है, लेकिन इन विशेषज्ञों की काफी कमी है।
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आज आ सकती है ट्रैंकुलाइज टीम
कढ़ेरचौरा इलाके में घूम रहे बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए आज टीम यहां पहुंच सकती है। डब्ल्यूटीआई के डॉ सौरभ सिंधवी ने बताया कि अभी कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। जल्द ही वह पूरी टीम के साथ पहुंचेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी टीम के सदस्य मिल गए तो वह शनिवार को पहुंच सकते हैं।
पीलीभीत। छह माह से पूरनपुर इलाके में एक बाघ की दहशत है। चार गांवों में घूम रहे इस बाघ को वनाधिकारी ट्रैस नहीं कर पा रहे हैं। कई बार उसकी घेराबंदी हो चुकी है, लेकिन वह भाग निकलता है। महकमे के अधिकारी भी मजबूर हैं, क्योंकि ट्रैपिंग एक्सर्ट न होने के कारण उसे पिंजरे में भी कैद नहीं कर पा रहे हैं।
मालूम हो कि सामाजिक वानिकी वन प्रभाग की पूरनपुर रेंज में एक बाघ छह माह पहले कढ़ेर चौरा गांव के पास देखा गया। वह झाड़ियों में छिप गया था। जंगल के अधिकारियों ने दिन में उसे घेरे रखा, लेकिन वह नहीं निकला। रात में बकरी बांधकर पिंजरा लगाया गया, लेकिन बाघ बकरी को खा गया और पिंजरे में कैद न हो सका। होता भी कैसे, यह काम किसी एक्सपर्ट ने नहीं, बल्कि फॉरेस्ट गार्ड और वाचरों ने मिलकर किया था। इधर दो बाघों की मौत के बाद इस टाइगर ने कढ़ेरचौरा, नदहा, पड़रिया और भायपुर में लगातार देखा गया तो करीब पांच हजार लोगों की नींद उड़ गई। लोग रात-रात जागकर अपने मवेशी बचा रहे हैं। दहशत का आलम यह है कि पिछले दिनों कढ़ेरचौरा के जसविंदर सिंह, त्रिलोक सिंह, सरदारा सिंह, सरजीत सिंह, दलजीत सिंह समेत करीब 20 सिख लोगों ने एडीएम को पत्र देकर इस बाघ को पकड़वाकर राहत देने की मांग की थी। इधर वन अधिकारियों के लिए भी यह बाघ मुसीबत बना है। उनका कहना है कि किसी पर हमला कर दिया तो एक बड़ी समस्या बन जाएगी। बाघ को तलाश करने में नियमित रूप से वन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सामाजिक वानिकी के एसडीओ गजेंद्र सिंह का कहना है कि रेंज कार्यालय पर ड्यूटियां लगा दी गई हैं। पिंजरा भी मंगा लिया गया है, लेकिन ट्रैपिंग एक्सपर्ट न होने के कारण इसे अभी लगवाया नहीं गया है। ट्रैपिंग एक्सपर्ट के लिए उन्होंने लिखापढ़ी की है। साथ ही बाघ को ट्रैकुलाइज करने के लिए डब्ल्यूटीआई के डॉ सौरभ सिंधवी को भेजा जा रहा है। उम्मीद है जल्द ही वह अपनी टीम सहित आकर इस बाघ को पकड़ेंगे।
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किसे कहते हैं ट्रैपिंग एक्सपर्ट
फंदे वाले पिंजरे में जानवर को फांसने वाले व्यक्ति को ट्रैपिंग एक्सपर्ट कहा जाता है। वन महकमे में ट्रैपिंग एक्सपर्ट की नियुक्ति होती है, लेकिन इन विशेषज्ञों की काफी कमी है।
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आज आ सकती है ट्रैंकुलाइज टीम
कढ़ेरचौरा इलाके में घूम रहे बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए आज टीम यहां पहुंच सकती है। डब्ल्यूटीआई के डॉ सौरभ सिंधवी ने बताया कि अभी कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। जल्द ही वह पूरी टीम के साथ पहुंचेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी टीम के सदस्य मिल गए तो वह शनिवार को पहुंच सकते हैं।