पीलीभीत। अग्नि को साक्षी मानकर साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले जुदा भी हुए तो वट सावित्री पर्व पर। यह वह पर्व है जिसमें महिलाएं पति की लंबी उमर के लिए ब्रत रखती हैं। रविवार को जब महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के लिए पूजा-अर्चना में जुटी हुई थीं तब कसबा नवाबगंज की बबली गंगवार अपने पति से छुटकारा पाने को तलाक के लिए अदालत से गुहार लगा रही थी। दंपति की संयुक्त याचिका पर अदालत ने तलाक के हक में फैसला सुना दिया।
बरेली के नवाबगंज की गंगवार कॉलोनी निवासी बबली का विवाह वर्ष 2007 में गांव रंपुरा निवासी सचीश के साथ हुआ था। बबली पोस्ट ग्रेजुएट है। वह बीटीसी भी कर रही है। तीन साल से भी ज्यादा समय से सचीश और बबली अलग रह रहे हैं। बबली ने पति के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा भी लिखाया था लेकिन हाईकोर्ट ने सचीश की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट के समझौता केंद्र में हुई सुनवाई में भी बबली ने पति के साथ रहने से इंकार कर दिया। छह माह पहले दंपति ने तलाक के लिए संयुक्त याचिका दाखिल की।
रविवार को लोक अदालत में अपर जिला जज एसके रस्तोगी ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने बबली को समझाया कि वह चाहे तो पति से तलाक न ले, लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही। अंतत: रविवार को इस दंपति का तलाक हो गया।