बिलसंडा। सरकार ने कमीशन पैटर्न पर गेहूं की खरीद कराने की व्यवस्था कर दी है, लेकिन किसानों को अब तक अपनी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। क्रय कें द्रों पर वारदाना न होने की वजह से कई दिनों से जहां तोल ठप है। वहीं गल्ला कारोबारियों के खरीद न करने से बाजार में गेहूं का भाव निर्धारित मूल्य 1285 के सापेक्ष महज 1050 के आसपास ही रह गया है।
बता दें कि गेहूं खरीद केंद्रों पर शुरू से ही किसानों का गेहूं नहीं लिया गया। अगर किसी किसान ने क्रय केंद्र पर गेहूं डाल भी दिया तो खर्चे के नाम पर उससे 100 रुपये क्विंटल वसूले गए। किसान इस पर भी रजामंद ही रहे क्योंकि बाजार में इससे भी कम पर गेहूं बिका। सरकार ने कमीशन पैटर्न पर खरीद कराने की व्यवस्था की तो व्यापारियों ने हाथ खड़े कर लिए। व्यापारियों का कहना है कि गोदामों में गेहूं का भंडारण कराने में भाड़ा, हल्ंिटग, और डाला समेत कुछ अन्य खर्चे मिलाकर प्रति क्विंटल करीब 80 रुपये आ रहा है, जबकि उन्हें कमीशन 35 रुपये और भाड़ा 12 रुपये मिलेगा। शुक्रवार को एक लघु कृषक एक क्विंटल गेहूं को दो कट्टों में भरकर साइकिल पर लादकर बेचने के लिए इधर- उधर भटकता रहा लेकिन उसका गेहूं नहीं बिक पाया। मजबूरन उसे गेहूं घर वापस ले जाना पड़ा। कमोबेश यही दशा अन्य किसानों के साथ भी हो रही है।