पीलीभीत/माधोटांडा। जंगल में अवैध शिकार और तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाने को लग्गा भग्गा में भारत -नेपाल के वन अधिकारियों, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और एसएसबी के अफसरों ने संयुक्त बैठक कर कार्ययोजना तैयार की। दोनों देशों में सीमा क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ाने और वन कर्मियों को और अधिक सुविधाएं देने का फैसला किया गया।
इंडो-नेपाल बार्डर पर वन्य जीवों का शिकार और जंगल के रास्ते होने वाली तस्करी बैठक का मुख्य एजेंडा था। तय किया गया कि जंगल में गैर कानूनी कामों के लिए प्रवेश करने वालों पर प्रभावी अंकुश के लिए दोनों देश अपने अपने क्षेत्रों के बाशिंदों को परिचय पत्र जारी करेंगे। जंगल में प्रवेश करने पर यह परिचय पत्र उन्हें अपने साथ रखने होंगे। ताकि पेट्रोलिंग के समय उनके पकड़े जाने पर किसी को अनावश्यक परेशानी न हो। बिना परिचय पत्र के घूमते पाए जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। नेपाल के अधिकारियों ने वन क्षेत्र में प्रवेश के लिए नेपाल के लोगों को वर्ष में तीन दिन और भारतीय लोगों को चार माह की छूट पर आपत्ति उठाई। इस पर भारतीय अधिकारियों ने भारतीयों के लिए प्रवेश में चार माह की छूट को तीन माह करने की बात कही। तय किया गया कि वन क्षेत्र की सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग तेज की जाएगी। वनकर्मियों की सुविधाएं बढ़ाने पर भी सहमति बनी। बैठक में कंचनपुर नेपाल के डीएफओ लाल नारायण, शुक्ला फांटा के को-आर्डिनेटर हेमंत यादव, असिस्टेंट वार्डेन गोपाल गिरी, पीलीभीत के डीएफओ, लव बिष्ट, अनूप राम चौधरी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के डॉ मुकेश गुप्ता, नरेश कुमार, इम्तियाज सिद्दीकी, साजिद हसन, सियाराम सहित वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और एसएसबी के तैमाम अधिकारी मौजूद रहे।