पीलीभीत। शहर में फायरिंग कर दहशत फैलाने और युवती के अपहरण का प्रयास करने वाले बसपा के कथित पूर्व कोआर्डीनेटर चंद्रभान मौर्य को जेल भेजने के बाद पुलिस उसकी कुंडली खंगालने में जुट गई है। जांच के घेरे में कई पुलिस अधिकारी और सफेदपोश भी हैं। इनमें कोर्ट मैरिज के बाद दबाव बनाने के लिए युवती के भाई को गिरफ्तार करने वाला एक चर्चित एसओ भी शामिल है। खीरी के कद्दावर बसपा नेता ने भी उसका साथ दिया, इसलिए उनके भी बयान लिए जाएंगे।
मालूम हो कि मंगलवार की रात करीब 11 बजे छतरी चौराहा स्थित एक घर पर टाटा सफारी से आए कथित बसपा नेता और उनके गुर्गों ने युवती का अपहरण करने के प्रयास में ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सेलफोन पर सूचना और फायरिंग के धमाके सुनकर एसओ सुनगढ़ी आजाद सिंह केसरी मौके पर पहुंच गए थे। रास्ते से ही पुलिस कंट्रोल को सूचना देने के कारण एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह भी सेट पर आ गए थे। नतीजतन हमलावर कथित नेता पकड़ा गया था, जबकि टाटा सफारी लेकर मौके से भागे चालक को सीओ सिटी दिनेश चंद्र शर्मा ने शहर सीमा से पकड़ा था। पुलिस ने इतनी तत्परता न दिखाई होती तो शायद हमलावर बच निकलते।
इधर बृहस्पतिवार को एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बसपा के कथित नेता की कुंडली खंगालने का निर्देश दिया, जिसके तहत विवेचक आरएस पांडे ने उसकी क्राइम हिस्ट्री, बरामद शस्त्रों और टाटा सफारी के अभिलेखों की पड़ताल के साथ जिम्मेदार लोगों को जांच दायरे में लेने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस मुखिया की मानें तो आपराधिक प्रवृत्ति के इस कथित नेता के नाम शस्त्र लाइसेंस जारी करने में आख्या लगाने वाले, समय-समय पर उसका साथ देने वालं तथा उसके करीबियों को जांच दायरे में लिया गया है। इधर पीड़ित युवती ने पुलिस को बयान दिया है कि पिता को बचाने के लिए उसने कोर्ट मैरिज की थी, लेकिन उसके बाद उसके साथ न जाने पर तत्कालीन एसओ ने उस पर दबाव बनाया था। वह फिर भी नहीं मानी तो उसके भाई को अवैध शराब के मामले में जेल पहुंचा दिया गया। अपने परिवार को बचाने के लिए वह मजबूर हो गई थी। युवती ने खीरी के एक कद्दावर बसपा नेता का भी नाम लिया है। पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी।
बाक्स
बरेली का पता भी निकला झूठा
कथित नेता ने अपने मूल निवास के अलावा बरेली के थाना बारादरी अंतर्गत धर्मकांटा के पास विष्णु भवन में भी निवास बताया था। विवेचक ने वहां पहुंचकर थाने की एक्शन मोबाइल के साथ उसका पता खंगालने की कोशिश की, लेकिन वह झूठा निकला।
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कथित नेता से जुड़े हर पहलू पर है नजर : एसपी
17 पीबीटीपी 30
एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कथित नेता से जुड़े हर पहलू की जांच की जा रही है। सीओ सिटी के निर्देशन में एसओ सुनगढ़ी और विवेचक को लगाया गया है। इसके अलावा जांच में जरूरत पड़ी तो एसओजी की भी मदद दी जाएगी। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पीलीभीत। शहर में फायरिंग कर दहशत फैलाने और युवती के अपहरण का प्रयास करने वाले बसपा के कथित पूर्व कोआर्डीनेटर चंद्रभान मौर्य को जेल भेजने के बाद पुलिस उसकी कुंडली खंगालने में जुट गई है। जांच के घेरे में कई पुलिस अधिकारी और सफेदपोश भी हैं। इनमें कोर्ट मैरिज के बाद दबाव बनाने के लिए युवती के भाई को गिरफ्तार करने वाला एक चर्चित एसओ भी शामिल है। खीरी के कद्दावर बसपा नेता ने भी उसका साथ दिया, इसलिए उनके भी बयान लिए जाएंगे।
मालूम हो कि मंगलवार की रात करीब 11 बजे छतरी चौराहा स्थित एक घर पर टाटा सफारी से आए कथित बसपा नेता और उनके गुर्गों ने युवती का अपहरण करने के प्रयास में ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। सेलफोन पर सूचना और फायरिंग के धमाके सुनकर एसओ सुनगढ़ी आजाद सिंह केसरी मौके पर पहुंच गए थे। रास्ते से ही पुलिस कंट्रोल को सूचना देने के कारण एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह भी सेट पर आ गए थे। नतीजतन हमलावर कथित नेता पकड़ा गया था, जबकि टाटा सफारी लेकर मौके से भागे चालक को सीओ सिटी दिनेश चंद्र शर्मा ने शहर सीमा से पकड़ा था। पुलिस ने इतनी तत्परता न दिखाई होती तो शायद हमलावर बच निकलते।
इधर बृहस्पतिवार को एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बसपा के कथित नेता की कुंडली खंगालने का निर्देश दिया, जिसके तहत विवेचक आरएस पांडे ने उसकी क्राइम हिस्ट्री, बरामद शस्त्रों और टाटा सफारी के अभिलेखों की पड़ताल के साथ जिम्मेदार लोगों को जांच दायरे में लेने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस मुखिया की मानें तो आपराधिक प्रवृत्ति के इस कथित नेता के नाम शस्त्र लाइसेंस जारी करने में आख्या लगाने वाले, समय-समय पर उसका साथ देने वालं तथा उसके करीबियों को जांच दायरे में लिया गया है। इधर पीड़ित युवती ने पुलिस को बयान दिया है कि पिता को बचाने के लिए उसने कोर्ट मैरिज की थी, लेकिन उसके बाद उसके साथ न जाने पर तत्कालीन एसओ ने उस पर दबाव बनाया था। वह फिर भी नहीं मानी तो उसके भाई को अवैध शराब के मामले में जेल पहुंचा दिया गया। अपने परिवार को बचाने के लिए वह मजबूर हो गई थी। युवती ने खीरी के एक कद्दावर बसपा नेता का भी नाम लिया है। पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी।
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बरेली का पता भी निकला झूठा
कथित नेता ने अपने मूल निवास के अलावा बरेली के थाना बारादरी अंतर्गत धर्मकांटा के पास विष्णु भवन में भी निवास बताया था। विवेचक ने वहां पहुंचकर थाने की एक्शन मोबाइल के साथ उसका पता खंगालने की कोशिश की, लेकिन वह झूठा निकला।
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कथित नेता से जुड़े हर पहलू पर है नजर : एसपी
17 पीबीटीपी 30
एसपी जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कथित नेता से जुड़े हर पहलू की जांच की जा रही है। सीओ सिटी के निर्देशन में एसओ सुनगढ़ी और विवेचक को लगाया गया है। इसके अलावा जांच में जरूरत पड़ी तो एसओजी की भी मदद दी जाएगी। आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।