पीलीभीत। उपाधि महाविद्यालय में अगले सत्र की कार्य योजना के लिए बुधवार को बुलाई गई बैठक में शामिल होने आए सेल फाइनेंस योजना के तहत तैनात शिक्षक भड़क उठे। शिक्षकों ने शासनादेश पर अमल न होने पर विरोध करते हुए जमीन बैठ गए। इस दौरान शिक्षकों ने 24 मई से क्रमिक अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
अगस्त 2011 में शासनादेश में कहा गया है कि कॉलेज की सकल आय की 80 प्रतिशत धनराशि स्ववित्त पोषित योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों पर व्यय की जाएगी। इस पर अमल के लिए शिक्षक ों ने काफी समय मांग कर रहे हैं। स्ववित्त पोषित योजना में कार्यरत शिक्षकों ने करीब 15 दिन पूर्व कॉलेज के वित्तीय नियंत्रक सीडीओ सुरेंद्र सिंह से भेंट कर समस्या से अवगत कराया था। सीडीओ ने कॉलेज प्रशासन को इन शिक्षकों की पत्रावलियां और शासनादेश उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। शिक्षकों का आरोप है कि दो सप्ताह का समय बीत जाने के बाद भी पत्रावलियां सीडीओ को नहीं भेजी गईं। प्राचार्य डॉ. पीके सिंह ने नए सत्र की कार्य योजना के लिए बुधवार को बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 16 नियमित शिक्षकों में से सिर्फ चार ही पहुंचे। जबकि स्ववित्त पोषित योजना के तहत तैनात सभी शिक्षक बैठक में पहुंच थे। नियमित शिक्षकों की कम संख्या के कारण कोरम पूरा न होने पर कुछ ही देर में बैठक स्थगित हो गई। इधर शिक्षकों का कहना है कि वह प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करना चाहते। 23 मई तक परीक्षाएं हैं। यदि इस बीच शासनादेश के अनुसार उनके मानदेय में वृद्धि नहीं हुई तो वह 24 मई से क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। बकौल डॉ. मनोज गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों को महाविद्यालय की सकल आय की सिर्फ 47 प्रतिशत धनराशि ही मानदेय के रूप में मिल रही है। बैठक का विरोध करने वालों में डॉ. केपी सिंह, डॉ. विजय अग्रवाल, डॉ. संगीता द्विवेदी, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. गारेपाल दीक्षित, डॉ. विशाल सक्सेना, डॉ. अमित रस्तोगी आदि थे।