पीलीभीत। तेज धूप और धूल से बचने के लिए काला चश्मा या साफ न दिखाई देने पर बिना जांच के रेडिमेड चश्मा आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे बचना बेहद जरूरी है। आंखों के प्रति मामूली लापरवाही आपसे नेत्र सुख छीन सकती है।
इन दिनों तेज धूप पड़ रही है। धूल भरी हवाएं भी चल रही हैं। इससे बचने के लिए लोग तरह - तरह के चश्मो का इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इन चश्मों में इस्तेमाल होने वाले ग्लास बिना परीक्षण नुकसान दायक हैं। शहर में हर कहीं चश्मे बिक रहे हैं। खास यह है कि इन चश्मों में सिंथेटिक या प्लास्टिक के ग्लास का इस्तेमाल हो रहा है। बेहद सुंदर दिखाई देने वाले चश्मों को लोग खुद पसंद भी कर रहे हैं। चाइनीज चश्में भी बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इनका आकर्षण लोगों को प्रभावित करता है। ऐसे चश्मो का इस्तेमाल करने से आंख जैसे अति संवेदनशील अंग के लिए बेहद नुकसान दायक है। थोड़ी नजर कमजोर होने पर लोग आंखों का परीक्षण कराए बिना रेडीमेड चश्मे लगाने लगते हैं। यह चश्मे कलेक्ट्रेट, तहसील या बाजार में कहीं भी आसानी से मिल जाते हैं। इनसे भी आंखों को नुकसान पहुंचता है। आंखें लाल हो जाती हैं। सिर में दर्द की भी शिकायत निरंतर बनी रहती है। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि धूप वाला चश्मा खरीदते वक्त यह जरूर देखें कि उसका ग्लास शीशे के अलावा किसी अन्य धातु का तो नहीं है। अगर जरा सा भी शक हो तो चश्मे की सुंदरता पर मोहित न हों। कम दिखाई देने की शिकायत पर नेत्ररोग विशेषज्ञ से आंखों का परीक्षण अवश्य कराएं। बिना परीक्षण नजर का चश्मा हरगिज न लगाएं।
0000
बाक्स
बिना परीक्षण नजर का रेडीमेड चश्मा या धूप और धूल से बचने के लिए कोई भी रंगीन चश्मा आंखों को नुकसान पहुंचाता है। जरूरी है परीक्षण के बाद ही चश्मा लगाएं। ऐसा न करने पर आंखों को नुकसान की 100 प्रतिशत संभावना बनी रहेगी।
डॉ. डीएन सिंह
नेत्र रोग विशेषज्ञ
जिला अस्पताल