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किसानों को मुसीबत बना कर्ज माफी का वादा

Pilibhit Updated Sun, 06 May 2012 12:00 PM IST
पीलीभीत। कर्ज माफी का वादा किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। वजह है उन्होंने समाजवादी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र पर भरोसा करते हुए लोन एकाउंट में पैसा नहीं जमा किया। अब ब्याज चढ़कर लोन बढ़ने लगा तो बैंक अधिकारियों ने दबाव बनाना शुरू किया है। इससे किसान पसोपेश में हैं।

सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों का 50 हजार रुपये तक का लोन माफ करने की घोषणा की थी। प्रदेश में सपा सरकार बनी और मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह ने सभी वायदे पूरे करने की घोषणा शुरू की तो किसानों ने अपने लोन एकाउंट में पैसा जमा करना बंद कर दिया। इससे किसानों पर ब्याज का बोझ बढ़ने लगा। सरकार ने अभी तक ऋण माफ करने संबंधी कोई आदेश नहीं जारी किया। इधर, बैंक अधिकारियों ने वसूली प्रक्रिया तेज कर दी, जिससे किसान मुसीबत में फंस गए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार की ऋण माफी योजना के बाद ही बैंक अधिकारियों ने वसूली प्रक्रिया तेज की है, जिससे उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से ऋण माफी की घोषणा जल्द करने की मांग की है।

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19 बैंकों ने बांटा 836 करोड़ का लोन
जिले भर में 19 बैंकों की 178 शाखाएं कार्यरत हैं। राष्ट्रीय बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा की सर्वाधिक 22 शाखाएं हैं। इसके अलावा एसबीआई-16, डीसीबी-14, इलाहाबाद बैंक-पांच, नैनीताल बैंक-एक, ओबीसी-दो, पीएनबी-चार शाखाएं हैं। इनमें दो लाख 19 हजार किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड बनवा रखे हैं। करीब एक लाख 10 हजार किसानों ने 836 करोड़ 16 लाख तीन हजार रुपये का लोन ले रखा है।
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कर्ज पाने को भी लगाने पड़ते हैं चक्कर
बैंक शाखाओं से कर्ज पाना हर किसी के लिए भारी पड़ता है। बेरोजगार नवयुवकों और किसानों को ऋण पाने से पहले औपचारिकताएं पूर्ण करने में पसीने छूट जाते हैं। बैंक की विभिन्न शाखाओं से ऋण के लिए आवेदन करने वाले ऐसे कुछ पात्र व्यक्तियों का कहना है कि ऋण पाने की जटिल प्रक्रिया और उस पर अफसरों की हीलाहवाली से परेशान होना पड़ता है। बैंक में कर्ज पाने के लिए चक्कर काट रहे लोगों का कहना है कि बैंक में पैसे दिए बिना कोई काम नहीं होता है।
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क्या कहते हैं किसान
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विभाग ने जारी करा दी है आरसी : श्याम विहारी
बीसलपुर के गांव सितारगंज निवासी श्याम विहारी ने बताया कि सपा सरकार की कर्जा माफी की घोषणा से वह पूरी तरह निश्चित हो गए थे, लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ और बैंक ने आरसी जारी कर दी है, जिससे वह काफी परेशान हैं।
बैंक दे रही है नोटिस : लालाराम
बीसलपुर के ही गांव सखिया निवासी लालाराम ने बताया कि सपा की सरकार बनी तो उन्हें कर्जा माफ होने की उम्मीद थी, लेकिन बैंक लगातार वसूली के नोटिस भेज रही है और न देने पर आरसी जारी कराने की चेतावनी दे रही है। इससे वह और उनका पूरा परिवार परेशान है।
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अब बैंक करती है परेशान
घुंघचाई इलाके के गांव सिमरिया निवासी संतोष कुमार बताते है कि पांच साल पहले साठ हजार रुपये कर्जा लिया था। विधानसभा चुनाव में सपा ने किसानों का कर्जा माफ करने का एजेंडा निकाला। सपा सरकार बनने और कर्जा माफ होना तय मानकर बैंक में धन जमा नहीं किया। अब बैंक वाले परेशान करने लगे है।
फिर जमा नहीं किया कर्जा
पूरनपुर विकास खंड के गांव सिमरिया निवासी मेवाराम ने करीब आठ साल पहले डेढ़ लाख रुपये का कर्जा लिया था। मेवाराम बताते है कि कर्जा निपटाया। अब उस पर करीब 75 हजार रुपये कर्ज रह गया है। सरकार से उम्मीदों को लेकर कर्ज जमा नहीं किया, लेकिन अभी तक माफ न होने से उम्मीद टूटने लगी है।
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