पीलीभीत। तेज हवाओं के साथ चढ़े पारे से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। शहर में व्याप्त गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। ऐसे में संक्रामक रोगों के भी बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। संक्रामक रोगों से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से सजग है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में संक्रामक वार्ड भी स्थापित किया है।
अप्रैल माह के समाप्त होते ही मौसम का मिजाज काफी सख्त हो गया है। मौसम ने करवट बदलनी शुरू कर दी है। लू और उमस भरी गर्मी की वजह से मौसमी बीमारियों ने पैर पसार दिए हैं। इन दिनों इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की भीड़ जिला अस्पताल में ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों पर भी उमड़ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में खांसी, मौसमी बुखार, वायरल पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। गंदगी और बढ़ती तपिश के साथ संक्रामक रोगों में इजाफा होने की आशंका है। अस्पताल प्रशासन ने संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिला अस्पताल के वार्डों में ऐहतियात के तौर पर संक्रामक कक्ष स्थापित किया है। इस कक्ष में आठ बेड की व्यवस्था की गई है। सभी जरूरी औषधियां उपलब्ध हैं। जिला अस्पताल प्रशासन की माने तो अभी तक संक्रामक रोग से पीड़ितों की संख्या शून्य हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों वायरल फीवर, खांसी, जुकाम आदि रोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे रोगियों की पिछले दो माह में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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स्वाइन फ्लू कक्ष ही बना संक्रामक कक्ष
जिला अस्पताल प्रशासन ने बरसात के दिनों में बनाए गए स्वाइन फ्लू कक्ष में ही संक्रामक कक्ष की स्थापना की है। आठ बेड वाले इस कक्ष में पड़ा ताला अभी तक नहीं खुला है। इसके पीछे जिला प्रशासन की दलील है कि संक्रामक कक्ष तो जरूर बना दिया गया है, लेकिन अभी तक संक्रामक रोगी नहीं आया है, इस वजह से ही उसमें ताला पड़ा हुआ है।
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वर्जन....................
02पीबीटीपी 9
उपलब्ध हैं दवाएं
संक्रामक रोगों से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाएं पूरी हैं। संक्रामक कक्ष के साथ सभी जरूरी सुविधाओं का भी इंतजाम है। दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
-डॉ. आरआर गहलौत, सीएमएस
पीलीभीत। तेज हवाओं के साथ चढ़े पारे से जनजीवन प्रभावित होने लगा है। शहर में व्याप्त गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। ऐसे में संक्रामक रोगों के भी बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। संक्रामक रोगों से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से सजग है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में संक्रामक वार्ड भी स्थापित किया है।
अप्रैल माह के समाप्त होते ही मौसम का मिजाज काफी सख्त हो गया है। मौसम ने करवट बदलनी शुरू कर दी है। लू और उमस भरी गर्मी की वजह से मौसमी बीमारियों ने पैर पसार दिए हैं। इन दिनों इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की भीड़ जिला अस्पताल में ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों पर भी उमड़ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में खांसी, मौसमी बुखार, वायरल पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। गंदगी और बढ़ती तपिश के साथ संक्रामक रोगों में इजाफा होने की आशंका है। अस्पताल प्रशासन ने संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिला अस्पताल के वार्डों में ऐहतियात के तौर पर संक्रामक कक्ष स्थापित किया है। इस कक्ष में आठ बेड की व्यवस्था की गई है। सभी जरूरी औषधियां उपलब्ध हैं। जिला अस्पताल प्रशासन की माने तो अभी तक संक्रामक रोग से पीड़ितों की संख्या शून्य हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों वायरल फीवर, खांसी, जुकाम आदि रोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे रोगियों की पिछले दो माह में दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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स्वाइन फ्लू कक्ष ही बना संक्रामक कक्ष
जिला अस्पताल प्रशासन ने बरसात के दिनों में बनाए गए स्वाइन फ्लू कक्ष में ही संक्रामक कक्ष की स्थापना की है। आठ बेड वाले इस कक्ष में पड़ा ताला अभी तक नहीं खुला है। इसके पीछे जिला प्रशासन की दलील है कि संक्रामक कक्ष तो जरूर बना दिया गया है, लेकिन अभी तक संक्रामक रोगी नहीं आया है, इस वजह से ही उसमें ताला पड़ा हुआ है।
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02पीबीटीपी 9
उपलब्ध हैं दवाएं
संक्रामक रोगों से निपटने के लिए सारी व्यवस्थाएं पूरी हैं। संक्रामक कक्ष के साथ सभी जरूरी सुविधाओं का भी इंतजाम है। दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
-डॉ. आरआर गहलौत, सीएमएस