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नोएडा। फीस के तीन साल पूरे कर चुके प्रदेश के इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों की नई फीस कैलकुलेट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एडमिशन एंड फीस रेगुलेशन कमेटी (एएफआरसी) की बैठक के बाद इसका कामकाज शुरू हो गया है। एसईई के आधार पर 23 जुलाई से शुरू होने वाली दाखिला प्रक्रिया तक जिन कॉलेजों की फीस रिवाइज नहीं हो पाएगी, उन्हें प्रोविजनल फीस ही लेनी होगी। नए फीस ढांचे से पहले कोई कॉलेज बढ़ी फीस नहीं लेगा। इस बार 15 से 20 फीसदी तक फीस बढ़ सकती है, जो अगले तीन साल तक लागू रहेगी।
दरअसल, प्रदेश के 246 कॉलेजों में 2010-11 से 2012-13 शैक्षिक सत्र की निर्धारित फीस का टर्म पूरा हो चुका है। इसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 32 और गाजियाबाद के 38 कॉलेज शामिल हैं। अब आवेदन के आधार पर इन कॉलेजों में नए सिरे से अगले तीन साल के लिए फीस निर्धारित करने की अंतिम प्रक्रिया शुरू हो गई है। कैलुकेशन तैयार की जा चुकी है, जिस पर कमेटी की मुहर लगना बाकी है। इसके तुरंत बाद कॉलेजवार उनकी संशोधित फीस घोषित की जाएगी। दाखिले के समय तक जिन कॉलेजों की नई फीस दर घोषित हो चुकी होंगी, वे ही नए शुल्क के आधार पर फीस ले सकेंगे। बाकी कॉलेजों में पुरानी प्रोविजनल फीस ही लागू रहेगी, जिसे संशोधन के बाद समायोजित किया जाएगा।
ऐसे बढ़ी इंजीनियरिंग की फीस
सत्र 2008-09 में निजी संस्थानों में बीटेक की फीस 61 हजार 113 रुपये थी, जिसे 2009-10 में बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया। 2010-11 में फीस निर्धारित करते हुए अलग-अलग संस्थानों में फीस निर्धारित हुई जो अधिकतम 93 हजार रुपये (ट्यूशन फीस) सालाना तक पहुंच गई, जो इस साल सवा लाख रुपये तक पहुंच सकती है।
नोएडा। फीस के तीन साल पूरे कर चुके प्रदेश के इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट कॉलेजों की नई फीस कैलकुलेट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एडमिशन एंड फीस रेगुलेशन कमेटी (एएफआरसी) की बैठक के बाद इसका कामकाज शुरू हो गया है। एसईई के आधार पर 23 जुलाई से शुरू होने वाली दाखिला प्रक्रिया तक जिन कॉलेजों की फीस रिवाइज नहीं हो पाएगी, उन्हें प्रोविजनल फीस ही लेनी होगी। नए फीस ढांचे से पहले कोई कॉलेज बढ़ी फीस नहीं लेगा। इस बार 15 से 20 फीसदी तक फीस बढ़ सकती है, जो अगले तीन साल तक लागू रहेगी।
दरअसल, प्रदेश के 246 कॉलेजों में 2010-11 से 2012-13 शैक्षिक सत्र की निर्धारित फीस का टर्म पूरा हो चुका है। इसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 32 और गाजियाबाद के 38 कॉलेज शामिल हैं। अब आवेदन के आधार पर इन कॉलेजों में नए सिरे से अगले तीन साल के लिए फीस निर्धारित करने की अंतिम प्रक्रिया शुरू हो गई है। कैलुकेशन तैयार की जा चुकी है, जिस पर कमेटी की मुहर लगना बाकी है। इसके तुरंत बाद कॉलेजवार उनकी संशोधित फीस घोषित की जाएगी। दाखिले के समय तक जिन कॉलेजों की नई फीस दर घोषित हो चुकी होंगी, वे ही नए शुल्क के आधार पर फीस ले सकेंगे। बाकी कॉलेजों में पुरानी प्रोविजनल फीस ही लागू रहेगी, जिसे संशोधन के बाद समायोजित किया जाएगा।
ऐसे बढ़ी इंजीनियरिंग की फीस
सत्र 2008-09 में निजी संस्थानों में बीटेक की फीस 61 हजार 113 रुपये थी, जिसे 2009-10 में बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया। 2010-11 में फीस निर्धारित करते हुए अलग-अलग संस्थानों में फीस निर्धारित हुई जो अधिकतम 93 हजार रुपये (ट्यूशन फीस) सालाना तक पहुंच गई, जो इस साल सवा लाख रुपये तक पहुंच सकती है।