नोएडा। मल्टीपल अटॉर्नी पर बिकी संपत्तियों की रजिस्ट्री का रास्ता जल्द साफ हो सकता है। इस बाबत निबंधन विभाग मुख्यालय ने स्थानीय कार्यालय से प्रस्ताव मांगा है। इस मसले पर मंगलवार को आईजी की बैठक भी प्रस्तावित है। दरअसल, नोएडा में करीब पांच हजार संपत्तियां ऐसी हैं, जो पावर ऑफ अटॉर्नी पर ही एक से अधिक बार बिक चुकी हैं। प्राधिकरण में मूल आवंटी या फिर प्रथम पावर ऑफ अटॉर्नी धारक केनाम संपत्ति ट्रांसफर का तो प्रावधान है, मगर उसके बाद अगर अटॉर्नी पर संपत्ति बिकती है तो उनको ट्रांसफर की अनुमति नहीं देता। इस वजह से खरीदार के नाम संपत्तियों की रजिस्ट्री भी नहीं हो सकी है। मल्टीपल अटॉर्नी पर बिकी संपत्तियों में हाउसिंग सोसायटी के फ्लैटों की संख्या सर्वाधिक है। अटॉर्नी पर बिकने के कारण न तो ट्रांसफर चार्जेस प्राधिकरण को मिल पाता है और न ही रजिस्ट्री विभाग को स्टांप शुल्क। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व फंसा हुआ है।
रजिस्ट्री विभाग ने शासन को पहले भी प्रस्ताव बनाकर भेजा था। करीब चार दिन पहले ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। शासन की मंशा है कि कुछ समय के लिए समाधान योजना लागू कर इन संपत्तियों पर रजिस्ट्री की छूट दे दी जाए। इस बैठक के बाद ही महानिरीक्षक निबंधन ने स्थानीय कार्यालय से प्रस्ताव मांगा है। आज (मंगलवार को) बैठक में यहां के स्थानीय अफसर भी इसमें शरीक होंगे। एआईजी स्टांप एसके सिंह ने बताया कि आईजी ने मल्टीपल अटॉर्नी का प्रस्ताव मांगा है। आज प्रस्तावित बैठक में ही उन्हें यह प्रस्ताव दे दिया जाएगा।
एआईजी कर सकेंगे स्टांप वापस
अगर संपत्ति खरीदार स्टांप पेपर खरीदने के बाद भी किसी कारणवश रजिस्ट्री नहीं कराता तो उसे स्टांप पेपर वापस करने के लिए डीएम के अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी, बल्कि एआईजी स्टांप के आदेश से ही स्टांप वापस हो जाएगा। यह प्रावधान प्रस्तावित ई स्टैंपिंग योजना में है। अभी डीएम के आदेश केबाद ही ट्रेजरी में स्टांप पेपर वापस होता है।
नोएडा। मल्टीपल अटॉर्नी पर बिकी संपत्तियों की रजिस्ट्री का रास्ता जल्द साफ हो सकता है। इस बाबत निबंधन विभाग मुख्यालय ने स्थानीय कार्यालय से प्रस्ताव मांगा है। इस मसले पर मंगलवार को आईजी की बैठक भी प्रस्तावित है। दरअसल, नोएडा में करीब पांच हजार संपत्तियां ऐसी हैं, जो पावर ऑफ अटॉर्नी पर ही एक से अधिक बार बिक चुकी हैं। प्राधिकरण में मूल आवंटी या फिर प्रथम पावर ऑफ अटॉर्नी धारक केनाम संपत्ति ट्रांसफर का तो प्रावधान है, मगर उसके बाद अगर अटॉर्नी पर संपत्ति बिकती है तो उनको ट्रांसफर की अनुमति नहीं देता। इस वजह से खरीदार के नाम संपत्तियों की रजिस्ट्री भी नहीं हो सकी है। मल्टीपल अटॉर्नी पर बिकी संपत्तियों में हाउसिंग सोसायटी के फ्लैटों की संख्या सर्वाधिक है। अटॉर्नी पर बिकने के कारण न तो ट्रांसफर चार्जेस प्राधिकरण को मिल पाता है और न ही रजिस्ट्री विभाग को स्टांप शुल्क। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व फंसा हुआ है।
रजिस्ट्री विभाग ने शासन को पहले भी प्रस्ताव बनाकर भेजा था। करीब चार दिन पहले ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है। शासन की मंशा है कि कुछ समय के लिए समाधान योजना लागू कर इन संपत्तियों पर रजिस्ट्री की छूट दे दी जाए। इस बैठक के बाद ही महानिरीक्षक निबंधन ने स्थानीय कार्यालय से प्रस्ताव मांगा है। आज (मंगलवार को) बैठक में यहां के स्थानीय अफसर भी इसमें शरीक होंगे। एआईजी स्टांप एसके सिंह ने बताया कि आईजी ने मल्टीपल अटॉर्नी का प्रस्ताव मांगा है। आज प्रस्तावित बैठक में ही उन्हें यह प्रस्ताव दे दिया जाएगा।
एआईजी कर सकेंगे स्टांप वापस
अगर संपत्ति खरीदार स्टांप पेपर खरीदने के बाद भी किसी कारणवश रजिस्ट्री नहीं कराता तो उसे स्टांप पेपर वापस करने के लिए डीएम के अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी, बल्कि एआईजी स्टांप के आदेश से ही स्टांप वापस हो जाएगा। यह प्रावधान प्रस्तावित ई स्टैंपिंग योजना में है। अभी डीएम के आदेश केबाद ही ट्रेजरी में स्टांप पेपर वापस होता है।