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नोएडा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि भारत आईटी और टेलीकॉम की दुनिया में लगातार तरक्की कर रहा है। इस क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को खत्म कर दिया है। कुछ नए कानून की जरूरत है, जिसकी मदद से विकास और तरक्की बढ़ेगी। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए निवेश पर जोर दिया। उन्होंने ये बातें एमिटी विवि में सूचना एवं टेलीकॉम प्रौद्योगिकी की विश्वसनीयता और अनुकूलन विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में देश में एक प्रसारक से आज 852 प्रसारक हो गए हैं। टेलीकॉम क्रांति के बाद अब सोशल मीडिया असीमित दायरे के साथ बढ़ रहा है। छात्रों से अपील की कि वे आईटी की मदद से समाज व जीवन शैली को आसान बनाने और बेहतर बनाने के लिए काम करें। सम्मेलन में विशिष्ठ अतिथि कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सतीश बाबू ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन से छात्रों का ज्ञानवर्धन तो होगा ही साथ ही रोजगार और शोध में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में विवि के संस्थापक डॉ. अशोक चौहान और कार्यवाहक कुलपति डॉ. बलविंदर शुक्ला ने भी विचार रखे। सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में कई देसी-विदेशी वक्ताओं ने कई तकनीकी शोधपत्र प्रस्तुत किए।
नोएडा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि भारत आईटी और टेलीकॉम की दुनिया में लगातार तरक्की कर रहा है। इस क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को खत्म कर दिया है। कुछ नए कानून की जरूरत है, जिसकी मदद से विकास और तरक्की बढ़ेगी। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए निवेश पर जोर दिया। उन्होंने ये बातें एमिटी विवि में सूचना एवं टेलीकॉम प्रौद्योगिकी की विश्वसनीयता और अनुकूलन विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में देश में एक प्रसारक से आज 852 प्रसारक हो गए हैं। टेलीकॉम क्रांति के बाद अब सोशल मीडिया असीमित दायरे के साथ बढ़ रहा है। छात्रों से अपील की कि वे आईटी की मदद से समाज व जीवन शैली को आसान बनाने और बेहतर बनाने के लिए काम करें। सम्मेलन में विशिष्ठ अतिथि कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सतीश बाबू ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन से छात्रों का ज्ञानवर्धन तो होगा ही साथ ही रोजगार और शोध में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में विवि के संस्थापक डॉ. अशोक चौहान और कार्यवाहक कुलपति डॉ. बलविंदर शुक्ला ने भी विचार रखे। सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में कई देसी-विदेशी वक्ताओं ने कई तकनीकी शोधपत्र प्रस्तुत किए।