नोएडा। सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाने वाली कंपनी के मालिक की आलीशान कोठी आग से जलकर राख हो गई। आग कमरे में लगे एसी में हुए शार्ट सर्किट से लगी थी। चंद मिनटाें में ही आग ने दोमंजिला कोठी खंडहर में तब्दील कर दी।
हादसा बुधवार की सुबह चार बजे के आसपास सेक्टर-27 के सी-6 कोठी में हुआ। इस कोठी में कारोबारी अनुपम घोष परिवार के साथ रहते हैं। रात पूरा परिवार खाना पीना खाकर सोया। सुबह कोठी की पहली मंजिल पर उनके बेटे रिशांत के कमरे में लगे एसी से आग की लपटे निकलने लगी। रिशांत की आंख खुली और भाग कर पिता के कमरे में शोर मचाता हुआ पहुंचा। पिता अनुपम, मां मोनिका और बहन शोर सुनकर बाहर निकले तो उनके होश उड़ गए। कोठी में चारों तरफ आग ही आग थी। किसी तरह आग से बच कर पीछे के रास्ते से बाहर निकले। पहली मंजिल पर सो रही दो नौकरानियां भी घर से बाहर निकलकर जान बचाने में सफल हुई। रसोई में रखे दो सिलेंडर व फ्रिज का कंप्रेशर आग की चपेट में आकर तेज धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। धमाके की आवाज काफी दूर तक गई। आसपास के लोगाें की नींद खुली और वह कोठी की तरफ मदद के लिए भागे। आग की सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक पूरी कोठी जलकर खंडहर में तब्दील हो चुकी थी। कोठी में रखा सारा कीमती सामान, नकदी, जेवरात सब जल चुका था। हादसे में एक करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
सिर्फ फोन ही उठा पाएं कोठी से
चंद मिनटों में उनकी आंखों के सामने तिनका तिनका जोड़कर खड़ी की गई इमारत आग में खाक हो रही थी। बेटे की पुकार सुनकर कमरे से बाहर निकले अनुपम घोष व उनकी पत्नी एक पल के लिए सन्न रह गए। कमरे में केवल फोन ही उठा पाए और जब इंट्री गेट से निकलने के लिए आगे बढ़े तो आग ने उन्हें घेर लिया। पूरे घर में आग ही आग थी। कारण था कि पूरी कोठी पर वुडन वर्क था। कमरों में वुडन रूफ से लेकर दीवारों पर वुडन वर्क की कारीगरी थी। जो आग में घी का काम कर रही थी। किसी तरह पूरा परिवार पिछले की तरफ पहुंचा और अपने आपको कोठी से बाहर सुरक्षित निकाल पाया। पड़ोस में सी-5 में कोठी का निर्माण चल रहा है। इसलिए वहां आग पहुंचने से पहले ही बुझा ली गई। आग की लपटे देख पीछे रहने वाले कोठी मालिकों की सांसे भी कुछ देर तक अटकी रही।
कंट्रोल रूम की पोल खुली
आग की लपटें उठती देख लोगों ने मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर डायल किया लेकिन बार बार नंबर गाजियाबाद और दिल्ली लग रहा था। काफी देर बाद नोएडा कंट्रोल रूम का नंबर लगा तो मदद के लिए गुहार लगाई। करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए कंट्रोल रूम पर मदद मांगने वालों को अक्सर ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
फायर टेंडर ने दिया धोखा
आग बुझाने की सूचना पाने के आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। कारोबारी और उनके परिवार को कुछ उम्मीद जगी कि उनकी कोठी में कुछ सामान जलने से बच जाएगा लेकिन जब फायर कर्मियों ने आग बुझाने के लिए पानी का पंप खोला तो वह दगा दे गया। पानी में प्रेशर ही नहीं था। दोनों गाड़ियों का यह हाल देख आसपास के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। मौके पर तीसरी गाड़ी पहुंची लेकिन पहले दो गाड़ियों को इस तरह से खड़ा किया गया था कि तीसरी गाड़ी वहां तक पहुंच नहीं सकी। पाइप खींचकर आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन तब तक कोठी में सब कुछ खाक हो चुका था। फैक्टरियों में होने वाले अग्निकांड की जांच के दौरान अग्निरोधक उपकरणों की कमी व अन्य कर्मियों का हवाला देकर परेशान करने वाले फायर विभाग की इस कमी पर अधिकारी भी खामोश हैं।
शीशा तोड़कर बचाई कार
आग के विकराल रूप को देखकर कोठी के बाहर खड़ी लक्जरी कार को बचाने के लिए अनुपम के चालक ने कार हटाने की कोशिश की लेकिन कार की चाभी अंदर होने के कारण वह हैरान परेशान हो गया। अनुपम के कहने पर उसने कार की खिड़की का शीशा तोड़ा और कार को कोठी के सामने से हटाने में सफल हुआ।
एसी के शार्ट सर्किट से हुए हादसे
जून12 : सेक्टर-27 में कारोबारी की कोठी जली
मई12 : सेक्टर-10 में यामाहा शोरूम में आग लगी
मई12 : सेक्टर-50 में कारोबारी के घर आग लगी
मई : सेक्टर-52 में मकान में आग लगी
मई12 : सेक्टर-16 में आईटी कंपनी के आफिस में आग लगी
नोएडा। सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट बनाने वाली कंपनी के मालिक की आलीशान कोठी आग से जलकर राख हो गई। आग कमरे में लगे एसी में हुए शार्ट सर्किट से लगी थी। चंद मिनटाें में ही आग ने दोमंजिला कोठी खंडहर में तब्दील कर दी।
हादसा बुधवार की सुबह चार बजे के आसपास सेक्टर-27 के सी-6 कोठी में हुआ। इस कोठी में कारोबारी अनुपम घोष परिवार के साथ रहते हैं। रात पूरा परिवार खाना पीना खाकर सोया। सुबह कोठी की पहली मंजिल पर उनके बेटे रिशांत के कमरे में लगे एसी से आग की लपटे निकलने लगी। रिशांत की आंख खुली और भाग कर पिता के कमरे में शोर मचाता हुआ पहुंचा। पिता अनुपम, मां मोनिका और बहन शोर सुनकर बाहर निकले तो उनके होश उड़ गए। कोठी में चारों तरफ आग ही आग थी। किसी तरह आग से बच कर पीछे के रास्ते से बाहर निकले। पहली मंजिल पर सो रही दो नौकरानियां भी घर से बाहर निकलकर जान बचाने में सफल हुई। रसोई में रखे दो सिलेंडर व फ्रिज का कंप्रेशर आग की चपेट में आकर तेज धमाके के साथ ब्लास्ट हो गया। धमाके की आवाज काफी दूर तक गई। आसपास के लोगाें की नींद खुली और वह कोठी की तरफ मदद के लिए भागे। आग की सूचना पाकर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक पूरी कोठी जलकर खंडहर में तब्दील हो चुकी थी। कोठी में रखा सारा कीमती सामान, नकदी, जेवरात सब जल चुका था। हादसे में एक करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
सिर्फ फोन ही उठा पाएं कोठी से
चंद मिनटों में उनकी आंखों के सामने तिनका तिनका जोड़कर खड़ी की गई इमारत आग में खाक हो रही थी। बेटे की पुकार सुनकर कमरे से बाहर निकले अनुपम घोष व उनकी पत्नी एक पल के लिए सन्न रह गए। कमरे में केवल फोन ही उठा पाए और जब इंट्री गेट से निकलने के लिए आगे बढ़े तो आग ने उन्हें घेर लिया। पूरे घर में आग ही आग थी। कारण था कि पूरी कोठी पर वुडन वर्क था। कमरों में वुडन रूफ से लेकर दीवारों पर वुडन वर्क की कारीगरी थी। जो आग में घी का काम कर रही थी। किसी तरह पूरा परिवार पिछले की तरफ पहुंचा और अपने आपको कोठी से बाहर सुरक्षित निकाल पाया। पड़ोस में सी-5 में कोठी का निर्माण चल रहा है। इसलिए वहां आग पहुंचने से पहले ही बुझा ली गई। आग की लपटे देख पीछे रहने वाले कोठी मालिकों की सांसे भी कुछ देर तक अटकी रही।
कंट्रोल रूम की पोल खुली
आग की लपटें उठती देख लोगों ने मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर डायल किया लेकिन बार बार नंबर गाजियाबाद और दिल्ली लग रहा था। काफी देर बाद नोएडा कंट्रोल रूम का नंबर लगा तो मदद के लिए गुहार लगाई। करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए कंट्रोल रूम पर मदद मांगने वालों को अक्सर ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
फायर टेंडर ने दिया धोखा
आग बुझाने की सूचना पाने के आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। कारोबारी और उनके परिवार को कुछ उम्मीद जगी कि उनकी कोठी में कुछ सामान जलने से बच जाएगा लेकिन जब फायर कर्मियों ने आग बुझाने के लिए पानी का पंप खोला तो वह दगा दे गया। पानी में प्रेशर ही नहीं था। दोनों गाड़ियों का यह हाल देख आसपास के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। मौके पर तीसरी गाड़ी पहुंची लेकिन पहले दो गाड़ियों को इस तरह से खड़ा किया गया था कि तीसरी गाड़ी वहां तक पहुंच नहीं सकी। पाइप खींचकर आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन तब तक कोठी में सब कुछ खाक हो चुका था। फैक्टरियों में होने वाले अग्निकांड की जांच के दौरान अग्निरोधक उपकरणों की कमी व अन्य कर्मियों का हवाला देकर परेशान करने वाले फायर विभाग की इस कमी पर अधिकारी भी खामोश हैं।
शीशा तोड़कर बचाई कार
आग के विकराल रूप को देखकर कोठी के बाहर खड़ी लक्जरी कार को बचाने के लिए अनुपम के चालक ने कार हटाने की कोशिश की लेकिन कार की चाभी अंदर होने के कारण वह हैरान परेशान हो गया। अनुपम के कहने पर उसने कार की खिड़की का शीशा तोड़ा और कार को कोठी के सामने से हटाने में सफल हुआ।
एसी के शार्ट सर्किट से हुए हादसे
जून12 : सेक्टर-27 में कारोबारी की कोठी जली
मई12 : सेक्टर-10 में यामाहा शोरूम में आग लगी
मई12 : सेक्टर-50 में कारोबारी के घर आग लगी
मई : सेक्टर-52 में मकान में आग लगी
मई12 : सेक्टर-16 में आईटी कंपनी के आफिस में आग लगी