उत्तराखंड बार्डर पर पुलिस व मिलट्री द्वारा रोक देने पर उत्तर प्रदेश सीमा पर विश्राम करते बंगाल क?
- फोटो : MUZAFFARNAGAR
यूपी बॉर्डर पर लगा रहा श्रद्धालुओं का जमावड़ा
पुरकाजी (मुजफ्फरनगर)। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते कुंभ मेले में शाही स्नान को लेकर उत्तराखंड प्रशासन ने यूपी बॉर्डर पर सख्ती शुरू कर दी है। यूपी बॉर्डर को सील करते हुए किसी भी श्रद्धालु और मुसाफिरों को बिना कोविड जांच कराए उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। उत्तराखंड परिवहन की बसों को भी यूपी में आने से रोक दिया गया है।
उत्तराखंड में कोविड के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने सख्ती करते हुए पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल तैनात करते हुए यूपी बॉर्डर को सील कर दिया है। कुंभ मेले के साथ ही 12 और 14 अप्रैल के शाही स्नान के मद्देनजर यूपी के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे दूरदराज प्रांतों से पहुंच रहे श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों को भी उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सभी मुसाफिरों और श्रद्धालुओं से 72 घंटे पूर्व की कोविड की निगेटिव जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। जिनके पास रिपोर्ट नहीं है, उनकी मौके पर ही रैपिड एंटीजन किट से जांच कर आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। स्कूटर-बाइक सवारों को भी उनकी उत्तराखंड की आईडी देखकर प्रवेश दिया जा रहा है। मंगलौर थाने के एसआई लक्ष्मण सिंह के मुताबिक सरकार के निर्देशों के अनुरूप ही यूपी बॉर्डर पर सख्ती की गई है।
तीन किलोमीटर तक पैदल करना पड़ रहा सफर
पुरकाजी। उत्तराखंड शासन द्वारा यूपी बॉर्डर पर ही सभी प्रकार के वाहनों को रोका जा रहा है। वहीं, उत्तराखंड परिवहन की बसों को भी बॉर्डर से करीब तीन किलोमीटर पहले गुरुकुल नारसन में रोका जा रहा है। रैपिड एंटीजन टेस्ट के बाद मुसाफिरों को आगे का सफर करने के लिए गुरुकुल नारसन तक पैदल ही सफर तय करना पड़ रहा है।
घंटों भूखे-प्यासे रहने को मजबूर श्रद्धालु
पुरकाजी। कुंभ मेले में जाने के लिए बुधवार को अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोडवेज बस व निजी वाहनों से पहुंचें, जिन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिन लोगों ने रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना स्वीकार किया, उन्हें भी अपना नंबर आने तक घंटों बॉर्डर पर ही भूखे-प्यासे रहने को मजबूर होना पड़ा। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल रहे। पश्चिम बंगाल के जनपद पुरुलिया से पहुंचे मनोहर ठेकेदार व उनके 50 साथी बस रोके जाने के बाद घंटों टेस्ट कराने के लिए रुके रहे, जिसके बाद उन्हें पैदल ही तीन किलोमीटर का गुरुकुल नारसन तक का सफर भी तय करना पड़ा। उधर, अन्य प्रांतों से पहुंचने वाले रोडवेज वाहन चालक भी बॉर्डर पर ही रुके रहकर मुसाफिरों का इंतजार करते रहे।
पुरकाजी बार्डर पर पैदल जाते यात्री।- फोटो : MUZAFFARNAGAR
भूराहेड़ी के पास उत्तराखंड बॉर्डर पर वाहनों को रोकते सुरक्षाकर्मी।- फोटो : MUZAFFARNAGAR
यूपी बॉर्डर पर लगा रहा श्रद्धालुओं का जमावड़ा
पुरकाजी (मुजफ्फरनगर)। लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते कुंभ मेले में शाही स्नान को लेकर उत्तराखंड प्रशासन ने यूपी बॉर्डर पर सख्ती शुरू कर दी है। यूपी बॉर्डर को सील करते हुए किसी भी श्रद्धालु और मुसाफिरों को बिना कोविड जांच कराए उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। उत्तराखंड परिवहन की बसों को भी यूपी में आने से रोक दिया गया है।
उत्तराखंड में कोविड के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने सख्ती करते हुए पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल तैनात करते हुए यूपी बॉर्डर को सील कर दिया है। कुंभ मेले के साथ ही 12 और 14 अप्रैल के शाही स्नान के मद्देनजर यूपी के साथ ही दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे दूरदराज प्रांतों से पहुंच रहे श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों को भी उत्तराखंड में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सभी मुसाफिरों और श्रद्धालुओं से 72 घंटे पूर्व की कोविड की निगेटिव जांच रिपोर्ट मांगी जा रही है। जिनके पास रिपोर्ट नहीं है, उनकी मौके पर ही रैपिड एंटीजन किट से जांच कर आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। स्कूटर-बाइक सवारों को भी उनकी उत्तराखंड की आईडी देखकर प्रवेश दिया जा रहा है। मंगलौर थाने के एसआई लक्ष्मण सिंह के मुताबिक सरकार के निर्देशों के अनुरूप ही यूपी बॉर्डर पर सख्ती की गई है।
तीन किलोमीटर तक पैदल करना पड़ रहा सफर
पुरकाजी। उत्तराखंड शासन द्वारा यूपी बॉर्डर पर ही सभी प्रकार के वाहनों को रोका जा रहा है। वहीं, उत्तराखंड परिवहन की बसों को भी बॉर्डर से करीब तीन किलोमीटर पहले गुरुकुल नारसन में रोका जा रहा है। रैपिड एंटीजन टेस्ट के बाद मुसाफिरों को आगे का सफर करने के लिए गुरुकुल नारसन तक पैदल ही सफर तय करना पड़ रहा है।
घंटों भूखे-प्यासे रहने को मजबूर श्रद्धालु
पुरकाजी। कुंभ मेले में जाने के लिए बुधवार को अन्य प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोडवेज बस व निजी वाहनों से पहुंचें, जिन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिन लोगों ने रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना स्वीकार किया, उन्हें भी अपना नंबर आने तक घंटों बॉर्डर पर ही भूखे-प्यासे रहने को मजबूर होना पड़ा। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल रहे। पश्चिम बंगाल के जनपद पुरुलिया से पहुंचे मनोहर ठेकेदार व उनके 50 साथी बस रोके जाने के बाद घंटों टेस्ट कराने के लिए रुके रहे, जिसके बाद उन्हें पैदल ही तीन किलोमीटर का गुरुकुल नारसन तक का सफर भी तय करना पड़ा। उधर, अन्य प्रांतों से पहुंचने वाले रोडवेज वाहन चालक भी बॉर्डर पर ही रुके रहकर मुसाफिरों का इंतजार करते रहे।
पुरकाजी बार्डर पर पैदल जाते यात्री।- फोटो : MUZAFFARNAGAR
भूराहेड़ी के पास उत्तराखंड बॉर्डर पर वाहनों को रोकते सुरक्षाकर्मी।- फोटो : MUZAFFARNAGAR