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Murder: विक्की त्यागी जैसा हाल, गोलियों की आवाज से गूंज उठा कोर्ट, चंद मिनटों में हुआ जीवा का दर्दनाक अंत

अमर उजाला ब्यूरो, मुजफ्फरनगर Published by: कपिल kapil Updated Thu, 08 Jun 2023 01:04 AM IST
सार

Gangstar Sanjeev Jeeva : कुख्यात संजीव जीवा ने अपराध की दुनिया में ऊंची उड़ान भरने की चाह से एक के बाद एक वारदात को अंजाम दिया। प्रॉपर्टी कब्जाने और ठेकेदारी के मामलों में जीवा के नाम की खूब गूंज हुई।

Muzaffarnagar: Gangster Sanjeev Jeeva murdered in court like Vicky Tyagi, read full story
संजीव माहेश्वरी जीवा - फोटो : फाइल फोटो

विस्तार
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90 के दशक में शामली के अस्पताल में मरीजों को दवा बांटते-बांटते संजीव जीवा ने अपराध की राह पकड़ ली थी। पहले अपने ही साथी का अपहरण कर सनसनी फैला दी थी। हत्या, डकैती, जानलेवा हमले, संपत्ति कब्जाने की एक के बाद एक वारदात अंजाम दी। कुख्यात सतेंद्र बरवाला से लेकर मुख्तार अंसारी के साथ काम किया।



भौराकलां-शामली मार्ग पर पड़ने वाले गांव आदमपुर से जीवा रोजाना शामली आता-जाता था। पहले शामली और फिर मुजफ्फरनगर में निजी डॉक्टर के यहां कपांउडर रहा। शामली में उसने अपने साथी का अपहरण कर फिरौती वसूली थी। साल 1995 में मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाने हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद उसकी नजदीकियां कुख्यात सतेंद्र बरवाला के साथ बढ़ी। देहरादून से दिल्ली लौट रहे कोलकाता के व्यापारी प्रतीक दीवान के खतौली के पास हुए अपहरण में जीवा को नामजद किया गया।


जीवा ने अपराध की दुनिया में ऊंची उड़ान भरने की चाह से एक के बाद एक वारदात अंजाम दी। प्रॉपर्टी कब्जाने और ठेकेदारी के मामलों में जीवा के नाम की खूब गूंज हुई।

बदलते चले गए जीवा के पते
कुख्यात संजीव जीवा पहले आदमपुर और फिर मुजफ्फरनगर शहर के प्रेमपुरी में रहा। वर्तमान में उसका परिवार उत्तर पूर्वी दिल्ली में रहा है। आज भी स्थायी पते में आदमपुर का नाम ही दर्ज है।

रंगदारी का दर्ज हुआ आखिरी मुकदमा
शहर की कोतवाली नई मंडी में व्यवसायी मनीष गुप्ता ने संजीव जीवा, उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी और गैंग के सदस्यों के खिलाफ 21 मई 2022 को दर्ज कराया था। इस मुकदमे में जीवा की संपत्ति को भी कुर्क कर लिया गया था।

जिस तरह मारा गया था विक्की, उसी तरह हुआ जीवा का खात्मा
जिले के दो कुख्यात अपराधियों का खात्मा एक ही अंदाज में हुआ। आठ साल पहले जिस तरह अदालत में कुख्यात विक्की त्यागी की हत्या की गई थी, लगभग उसी अंदाज में संजीव जीवा का खात्मा किया गया है।

पुलिस 16 फरवरी 2015 को कड़ी सुरक्षा में कुख्यात विक्की त्यागी को अदलत में पेश करने के लिए पहुंची थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कोर्ट संख्या-10 में अधिवक्ता की वेशभूषा में आए हमलावरों ने विक्की त्यागी की गोली मारकर हत्या कर सनसनी फैला दी थी। वारदात के बाद आरोपी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।

अब करीब आठ साल बाद लखनऊ की अदालत में इसी तरह की वारदात अंजाम दी गई। कुख्यात संजीव जीवा को पुलिस अदालत लेकर पहुंची थी। अधिवक्ता की वेशभूषा में आए युवक ने जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी। आठ साल के अंतराल में जिले के दो कुख्यात बदमाशों का अंत एक ही अंदाज में हुआ।

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अनिल ने जीवा से खरीदी थी एके-47
आधुनिक हथियारों के शौकीन संजीव जीवा का नाम पिछले साल एके-47 बेचने में भी आया था। भौराकलां क्षेत्र के गांव हड़ौली निवासी अनिल उर्फ पिंटू को शामली पुलिस ने पकड़ा गया था। उसके पास से एके-47 बरामद हुई थी। यह हथियार जीवा की ओर से बेचने की बात सामने आई थी। अनिल ने पुलिस को बताया था उसके साथी अनिल बंजी को बागपत के कुख्यात धर्मेंद्र किरठल ने धमकी दी थी, जिसके बाद संजीव जीवा से संपर्क कर लगभग 11 लाख रुपये में यह हथियार खरीदे थे। हथियार छिपाने के लिए जाने के दौरान वह पकड़ा गया था।

17 मुकदमों में दोषमुक्त हो गया था जीवा
कुख्यात संजीव जीवा 17 मुकदमों में दोषमुक्त हो गया था। गैंगस्टर के तीन मुकदमों में गवाही की प्रक्रिया चल रही है, जबकि एक मुकदमें में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

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मुजफ्फरनगर में संजीव जीवा पर दर्ज मुकदमे
- वर्ष 1995 में थाना सिविल लाइन थाने में हत्या, लूट व अपराध की साजिश रचना का मुकदमा।
- वर्ष 1995 में सिविल लाइन थाने में लूट का मुकदमा।
- वर्ष 1995 में सिविल लाइन थाना में रंगदारी का प्रयास का मुकदमा।
- वर्ष 1998 में शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर लूट का मुकदमा।
- वर्ष 2001 में शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर में चोरी का मुकदमा।
- वर्ष 2002 में खतौली थाने में डकैती व हत्या का मुकदमा।
- वर्ष 2002 में खतौली थाने में बलवा व जानलेवा का मुकदमा।
- वर्ष 2002 में खतौली थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा।
- वर्ष 2003 में हत्या व डकैती का मुकदमा।
- वर्ष 2010 में गैंगस्टर एक्ट।
- वर्ष 2022 में नई मंडी में गैंगस्टर और रंगदारी
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