शामली। रिमझिम बारिश की वजह से लाइनों में फाल्ट के कारण शहर में रविवार की रात बिजली गुल हो गई। सोमवार को दिन में लोगों को केवल दो घंटे ही बिजली नसीब हुई।
रविवार की रात शहर के गऊशाला फीडर से जुडे़ क्षेत्र में लाइन में फाल्ट होने से सायंकाल 7.30 बजे से रात 12 बजे तक बिजली गुल रही। इससे पहले दिन में आठ घंटे की बिजली कटौती पहले ही हो चुकी थी। लिहाजा 12 घंटे बिजली गुल रहने से रात में लोगों के इंवर्टर भी जवाब दे गए। रात 12 बजे बिजली आई, लेकिन सोमवार सुबह छह बजे फिर से बिजली कटौती कर दी गई। फिर 10 बजे बिजली आई, लेकिन कुछ ही देर में फिर से बिजली गुल हो गई। बिजलीघर से बताया गया कि कोतवाली के निकट फाल्ट होने से पोल में आग लगने से बिजली गुल हुई है। इसके बाद करीब एक बजे बिजली चालू हुई, लेकिन 45 मिनट बाद दो बजे फिर से कटौती हो गई। शाम छह बजे बिजली चालू हूई। इस तरह पूरे दिन में दो घंटे ही लोगों को बिजली नसीब हुई।
दरअसल, शहर के गऊशाला फीडर पर लोड काफी है। इसके जर्जर तार काफी पुराने हो चुके हैं। इसकी लाइन में आए दिन फाल्ट होता है। पिछली गर्मी में यहां की हालत बेहद खराब थी। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे। व्यापारी नेता घनश्याम दास गर्ग का कहना है कि जरा सी बूंदाबांदी या हवा चलने पर बत्ती घंटों गुल रहती है। विभागीय अधिकारियों को इसको सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।
शामली। रिमझिम बारिश की वजह से लाइनों में फाल्ट के कारण शहर में रविवार की रात बिजली गुल हो गई। सोमवार को दिन में लोगों को केवल दो घंटे ही बिजली नसीब हुई।
रविवार की रात शहर के गऊशाला फीडर से जुडे़ क्षेत्र में लाइन में फाल्ट होने से सायंकाल 7.30 बजे से रात 12 बजे तक बिजली गुल रही। इससे पहले दिन में आठ घंटे की बिजली कटौती पहले ही हो चुकी थी। लिहाजा 12 घंटे बिजली गुल रहने से रात में लोगों के इंवर्टर भी जवाब दे गए। रात 12 बजे बिजली आई, लेकिन सोमवार सुबह छह बजे फिर से बिजली कटौती कर दी गई। फिर 10 बजे बिजली आई, लेकिन कुछ ही देर में फिर से बिजली गुल हो गई। बिजलीघर से बताया गया कि कोतवाली के निकट फाल्ट होने से पोल में आग लगने से बिजली गुल हुई है। इसके बाद करीब एक बजे बिजली चालू हुई, लेकिन 45 मिनट बाद दो बजे फिर से कटौती हो गई। शाम छह बजे बिजली चालू हूई। इस तरह पूरे दिन में दो घंटे ही लोगों को बिजली नसीब हुई।
दरअसल, शहर के गऊशाला फीडर पर लोड काफी है। इसके जर्जर तार काफी पुराने हो चुके हैं। इसकी लाइन में आए दिन फाल्ट होता है। पिछली गर्मी में यहां की हालत बेहद खराब थी। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे। व्यापारी नेता घनश्याम दास गर्ग का कहना है कि जरा सी बूंदाबांदी या हवा चलने पर बत्ती घंटों गुल रहती है। विभागीय अधिकारियों को इसको सुधारने की कोशिश करनी चाहिए।