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माता-पिता समेत परिवार के सात लोगों की हत्या की खूनी दास्तां लिखने वाली यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी नरसंहार की खलनायिका शबनम का डेथ वारंट मंगलवार को जारी नहीं हो सका है। राज्यपाल को पुन: विचारण दया याचिका भेजे जाने के कारण डेथ वारंट जारी होने की प्रक्रिया रुक गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) ने बताया कि राज्यपाल को भेजी गई पुन: विचारण दया याचिका का नतीजा सामने आने के बाद ही इस मामले में अगला निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल डेथ वारंट होल्ड किया गया है।
शबनम का डेथ वारंट जारी करने के लिए अमरोहा जिला जज की अदालत ने डीजीसी और रामपुर जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी कि इस संदर्भ में किसी स्तर पर कोई अपील अथवा दया याचिका लंबित तो नहीं है। मंगलवार को अमरोहा के डीजीसी महावीर सिंह ने बताया कि रामपुर कारागार प्रशासन से पता चला है कि शबनम द्वारा राज्यपाल को पुन: विचारण दया याचिका भेजी गई है।
इसलिए शबनम के डेथ वारंट पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। जब तक इस याचिका पर कोई निर्णय नहीं हो जाता है, तब तक डेथ वारंट होल्ड पर रहेगा।
बता दें कि गुरुवार (18 फरवरी) को रामपुर जिला कारागार पहुंचे दो अधिवक्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित पुन: विचारण दया याचिका रूपी अर्जी जेल अधीक्षक को दी थी। जेल अधीक्षक की ओर से इसे शासन को भेजा गया था। साथ ही अमरोहा जिला जज की अदालत को इस बाबत अवगत कराया गया था। कानूनी जानकार बताते हैं कि फांसी की सजा के सापेक्ष कोई अपील अथवा दया याचिका विचाराधीन अथवा लंबित होने तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जाता।
रामपुर कारागार की रिपोर्ट से पता चला है कि शबनम के अधिवक्ता ने राज्यपाल के समक्ष पुन: विचारण दया याचिका दायर की है। उन्होंने इसकी प्रति भी अमरोहा सेशन कोर्ट में भेजी थी। इस संबंध में जिला जज को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब पुन: विचारण याचिका के निस्तारण के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।-
महावीर सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता, अमरोहा
यह था मामला
14/15 अप्रैल 2008 की रात अमरोहा जनपद के हसनपुर थानाक्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में प्रेेमी सलीम के साथ मिलकर मास्टर शौकत अली की बेटी शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। हत्या का शिकार होने वालों में शबनम के पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया थे, जिनके गले कुल्हाड़ी से काटे गए थे, जबकि शबनम के मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या की गई थी।
माता-पिता समेत परिवार के सात लोगों की हत्या की खूनी दास्तां लिखने वाली यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी नरसंहार की खलनायिका शबनम का डेथ वारंट मंगलवार को जारी नहीं हो सका है। राज्यपाल को पुन: विचारण दया याचिका भेजे जाने के कारण डेथ वारंट जारी होने की प्रक्रिया रुक गई है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) ने बताया कि राज्यपाल को भेजी गई पुन: विचारण दया याचिका का नतीजा सामने आने के बाद ही इस मामले में अगला निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल डेथ वारंट होल्ड किया गया है।
शबनम का डेथ वारंट जारी करने के लिए अमरोहा जिला जज की अदालत ने डीजीसी और रामपुर जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी कि इस संदर्भ में किसी स्तर पर कोई अपील अथवा दया याचिका लंबित तो नहीं है। मंगलवार को अमरोहा के डीजीसी महावीर सिंह ने बताया कि रामपुर कारागार प्रशासन से पता चला है कि शबनम द्वारा राज्यपाल को पुन: विचारण दया याचिका भेजी गई है।
इसलिए शबनम के डेथ वारंट पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। जब तक इस याचिका पर कोई निर्णय नहीं हो जाता है, तब तक डेथ वारंट होल्ड पर रहेगा।
बता दें कि गुरुवार (18 फरवरी) को रामपुर जिला कारागार पहुंचे दो अधिवक्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित पुन: विचारण दया याचिका रूपी अर्जी जेल अधीक्षक को दी थी। जेल अधीक्षक की ओर से इसे शासन को भेजा गया था। साथ ही अमरोहा जिला जज की अदालत को इस बाबत अवगत कराया गया था। कानूनी जानकार बताते हैं कि फांसी की सजा के सापेक्ष कोई अपील अथवा दया याचिका विचाराधीन अथवा लंबित होने तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जाता।
रामपुर कारागार की रिपोर्ट से पता चला है कि शबनम के अधिवक्ता ने राज्यपाल के समक्ष पुन: विचारण दया याचिका दायर की है। उन्होंने इसकी प्रति भी अमरोहा सेशन कोर्ट में भेजी थी। इस संबंध में जिला जज को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब पुन: विचारण याचिका के निस्तारण के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।- महावीर सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता, अमरोहा
यह था मामला
14/15 अप्रैल 2008 की रात अमरोहा जनपद के हसनपुर थानाक्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में प्रेेमी सलीम के साथ मिलकर मास्टर शौकत अली की बेटी शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। हत्या का शिकार होने वालों में शबनम के पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस और राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया थे, जिनके गले कुल्हाड़ी से काटे गए थे, जबकि शबनम के मासूम भतीजे अर्श की गला दबाकर हत्या की गई थी।