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मुरादाबाद। तफ्तीश को हथियार बनाकर बदमाशों पर तगड़ा ‘वार’ किया जाए। क्राइम सीन पर तमाम ऐसे सूक्ष्म साक्ष्य होते हैं जिनकी मार्फत अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है लेकिन आमतौर पर पुलिस ध्यान नहीं देती। डीजी ट्रेनिंग बीएम सारस्वत ने कहा कि वैज्ञानिक तफ्तीश को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने प्रशिक्षण केंद्रों पर ट्रेनी अफसरों की समस्याओं को भी सुना।
सोमवार को पुलिस अकादमी पहुंचे बीएम सारस्वत ने यहां ट्रेनिंग ले रहे डिप्टी एसपी और दारोगाओं के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी ली। बाद में आडीटोरियम में इन लोगों को तफ्तीश के बारे में बिंदुवार बताया भी। कहा कि कमजोर तफ्तीश सीधे बदमाशों को फायदा पहुंचाती है। जब उन्हें सजा नहीं मिलेगी तो हौसले बढ़ेंगे। वह बार बार अपराध करेंगे। लिहाजा तफ्तीश ऐसी होनी चाहिए कि बदमाशों को बचने का कोई रास्ता न मिले। डीजी ट्रेनिंग ने कहा कि आज अपराधी बहुत चालाक हो गया है। लिहाजा पुलिस को भी उसी तरह से विवेचना मजबूत करनी होगी। पुलिस अफसरों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि क्राइम सीन पर तमाम ऐसे सूक्ष्म साक्ष्य होते हैं कि जिनके आधार पर बड़ी बड़ी वारदातों का खुलासा किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है घटनास्थल को सुरक्षित करना। डीजी ट्रेनिंग ने पुलिस अकादमी के बाद पीटीसी और पीटीएस में भी सैनिक सम्मेलन किया। मंगलवार को वह ट्रेनिंग सेंटरों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान पुलिस अकादमी के डायरेक्टर एके जैन भी मौजूद रहे।