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मुरादाबाद। अफसरों की लापरवाही से हालात बिगड़ते बिगड़ते बचे। यहां तारीफ करनी होगी अमन पसंद जनता की जिन्होंने सूझ बूझ का परिचय देते हुए भड़के लोगों को कंट्रोल किया। वरना पुलिस ने तो कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आंखें मूंदकर जुलूस की अनुमति को रिपोर्ट भेज दी गई। जबकि त्योहार रजिस्टर में जुलूस का कहीं कोई अंकन नहीं था।
दरअसल शुक्रवार को मंगूपुरा में जुलूस को लेकर विवाद हुआ। लोगों का कहना था कि प्रशासन ने पहले तो अनुमति दे दी थी और एक दिन पहले निरस्त कर दी। इससे नाराज लोग सड़कों पर आ गए थे। पाकबड़ा तक हल्ला मचा। अफसर पहुंचे और पूरे मामले की पड़ताल कराई गई। मझोला थाने का त्योहार रजिस्टर देखा गया। जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मंगूपुरा में पिछले साल जुलूस निकालने की कोशिश की गई थी लेकिन पुलिस ने रोक दिया था। अप्रैल में यहां के लोगों ने अनुमति के लिए लिखा पढ़ी शुरू की। इनकी मांग थी कि त्योहार रजिस्टर में अंकन कर लिया जाए जिससे आगे को कोई दिक्कत न आए। तत्कालीन सीओ बीएस सिद्धू ने इस आवेदन पर थाने से रिपोर्ट मांगी। थाने से भी कह दिया गया कि यह लोग परंपरागत तरीके से त्योहार मनाते हैं। इस पर सीओ ने रजिस्टर में अंकन के आदेश कर दिए। जबकि यह अधिकार केवल मजिस्ट्रेट को होता है। हल्के के दारोगा ने भी अपने तरीके से रिपोर्ट लगा दी। इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच बैठा दी है।