मुरादाबाद। बड़ा हल्ला मचा था शहर में। एक संदेश गया कि अब हमारे विधायक सड़क निर्माण में गड़बड़ी नहीं होने देंगे। सब कुछ मानक के अनुरूप ही होगा। विधायक यूसुफ अंसारी ने खूब सवाल दागे थे। इंजीनियरों पर भी आरोप लगाए। खैर पीडब्लूडी ने भी तत्काल काम रुकवा दिया। गुणवत्ता की जांच को सैंपल भरे गए। लगा था कि किसी बड़ी कार्रवाई को स्क्रिप्ट तैयार हो रही है। विभाग में भी दहशत रही। लेकिन ये क्या। अचानक सब कुछ खत्म हो गया। सड़क का निर्माण शुरू हो गया। कार्रवाई तो दूर जनाब किसी को नोटिस तक नहीं। अब शहर वालों को कौन समझाए। जितने मुंह उतनी बातें। विभाग ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि ‘विधायक जी मान गए’ हैं।
चौदह दिसंबर की दोपहर का वक्त था। शहर विधायक यूसुफ अंसारी अपने साथियों के साथ अचानक हाईवे चौड़ीकरण देखने पहुंचे। पीडब्लूडी के अधिशासी अभियंता एके गोयल को भी बुला लिया गया। खैर जब विधायक ने सड़क निर्माण की जांच शुरू की तो अखबारनवीसों तक सूचना पहुंची और कैमरों की फ्लैश के साथ विधायक सड़क से मिट्टी उठाकर गुणवत्ता का पैमाना गिनाने लगे। अफसरों पर भी आरोप लगाए गए। शासन तक शिकायत करने की बात कही गई। हल्ला मचा तो निर्माण रुकवा दिया गया। दो दिन बाद पीडब्लूडी के अफसर विधायक के संग फिर यहां पहुंचे और गुणवत्ता की जांच कराने के लिए सैंपल भरे। सैंपल प्रयोगशाला को भेज दिया गया है। पीडब्लूडी के अधिकारी यह तो नहीं कह सके थे कि गुणवत्ता में कोई बड़ी गड़बड़ी है लेकिन विधायक के आरोपों का खंडन भी नहीं किया। जांच की बात होती रही। बुधवार को फिर से काम लगा दिया गया। सड़क के जिस प्वाइंट पर विधायक ने गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे वहीं बुलडोजर चलता रहा। सब कुछ खत्म हो गया।
निर्माण में गड़बड़ी मिली थी
अधिशासी अभियंता एके गोयल कहते हैं कि निर्माण में गड़बड़ी थी। चूंकि प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा करना है इसलिए बेहतर क्वालिटी के साथ काम शुरू करा दिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि निर्माण की गड़बड़ी पर कार्रवाई क्यों नहीं की तो उनका कहना था कि अभी जांच चल रही है। इस संबंध में विधायक भी संतुष्ट हो गए हैं।
मैं तो लखनऊ में हूं, आकर देखूंगा
शहर विधायक यूसुफ अंसारी का कहना है कि वह लखनऊ आए हुए हैं। अधिकारियों ने यह भरोसा दिलाया था कि अब गुणवत्ता बेहतर रहेगी। लिहाजा उन्होंने भी कह दिया कि वह तो यही चाहते हैं कि सड़कों की गुणवत्ता अच्छी रहनी चाहिए। घटिया निर्माण से जनता में सरकार व जनप्रतिनिधियों की छवि खराब होती है।