मुरादाबाद। पीतल के दस्तकारों को काठमांडू रास आने लगा है। वे प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में नेपाल पलायन कर रहे हैं। अब तक यह आंकड़ा एक हजार से पार कर चुका है। गंभीर बात यह है कि वहां जाने वाले अधिकतर हुनरमंद, युवा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं।
पीतल नगरी के कारीगरों की कला की चमक पूरे विश्व में है। रोजमर्रा और पूजा पाठ में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों में इन कलाकारों की कोई सानी नहीं है। पर खुद के ही घर में अपेक्षित महसूस करने वाले ये दस्तकार इन दिनों पलायन को मजबूर हैं। उद्योग विभाग के हालिया सर्वे के मुताबिक नेपाल की ओर दस्तकारों ने रुख किया है। दस्तकार बताते हैं कि मुरादाबाद के कई कारीगरों ने नेपाल में अपना कारोबार शुरू किया है। जिसकी वजह से पीतल पर नक्काशी करने वाले लोग उस ओर रुख करना शुरू कर दिया है। वे बताते हैं कि इसके दो कारण प्रमुख हैं। पहला उन्हें वहां पारिश्रमिक अधिक मिलता है। दूसरा जो कारोबार करने वहां गए हैं। उन्हें यहां की अपेक्षा लाभ अधिक मिलता है। यह अलग बात है कि जो कारीगर जाते हैं वे वर्ष के कुछ ही महीने के लिए वहां जाते हैं। पर जो कारोबार करने के उद्देश्य से गए हैं। उन्होंने वहां अच्छा व्यापार फैला लिया है।