मुरादाबाद। गार्गी कांड का केंद्र बिंदु बनकर उभरे रोहित गिरी को पकड़ने में पुलिस के पसीने छूट गए हैं। पिछले तीन दिनों में पुलिस का सारा फोकस रोहित की गिरफ्तारी पर ही है लेकिन रोहित लगातार पुलिस को छका रहा है। पुलिस की टीमें दिल्ली से लेकर उत्तराखंड की खाक छानकर लौट आई है।
बृहस्पतिवार को गार्गी की आत्महत्या के बाद से पुलिस लगातार भागदौड़ कर रही है। शुक्रवार से पुलिस रोहित को वारदात का सूत्रधार मान रही है। पुलिस की जांच में इतना तक साफ हो चुका है कि रोहित व गार्गी में नजदीकियां कब और कहां से बनी। पेशे से एक कंप्यूटर ऑपरेटर रोहित की तलाश में पुलिस दिन रात एक की हुई है लेकिन फिर भी वह हत्थे नहीं आ रहा है। शनिवार को टीमें दिल्ली व उत्तराखंड के इलाकों में भेजी गई थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। रविवार को देर शाम कप्तान ने क्राइम मीटिंग के बाद फिर से अब तक की जांच की समीक्षा। मामला घूम फिरकर रोहित की गिरफ्तारी पर ही आकर टिक गया।
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शुरुआती ढील भारी पड़ी पुलिस को
मुरादाबाद। बृहस्पतिवार की रात में शुरुआती ढील पुलिस पर भारी पड़ गई है। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान रोहित का नाम पहले दिन ही सामने आ गया था। रात में एक पुलिस अफसर ने रेलवे हरथला कालोनी स्थित उसके घर पर छापा भी मारा था। उस वक्त परिजनों ने रोहित के महानगर में ही किसी दोस्त के यहां सोने की बात कही थी। पुलिस उसे अगले दिन सुबह थाने भेजने की बात कह लौट आई। उसके बाद से रोहित का कुछ पता नहीं चल रहा है। माना जा रहा है यदि पुलिस उसी रात में सक्रियता दिखाती तो रोहित को पकड़ा जा सकता था।
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चार दिन की फरारी ही पर्याप्त आधार
मुरादाबाद। रोहित व उसके दोस्त के चार दिन से फरार होना ही इसके लिए काफी है कि इस कांड में उसका कहीं न कहीं उसका कोई रोल है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है पुलिस का शक और भी पुख्ता होता जा रहा है। 30 व 31 मई को उसका दफ्तर से अनुपस्थित रहना और अब पुलिस से भागते घूमना सब कुछ इशारा कर रहा है। इसी के चलते पुलिस ने अपना सारा फोकस रोहित की गिरफ्तारी पर ही कर रखा है।