मुरादाबाद। गार्गी पर गर्व करता था पूरा कुनबा। घर से स्कूल तक एक अनुशासित बच्ची के रूप में थी उसकी पहचान। दादा कहते हैं, मेरी खुशियां तो मेरी गुड़िया के साथ ही चली गईं। पूरे घर की शान थी मेरी बच्ची। उसे लेकर बड़े ऊंचे ख्वाब देख रहे थे हम। लेकिन इन दरिंदों ने हमारे कुनबे के सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया है। उसकी सहेली उसे बुलाकर ले गई थी। वहां जो हुआ उसे न वह कहने की स्थिति में हैं और न ही सुनने की।
सैनी समाज में अगली पंक्ति वाले नेताओं में शुमार बलराम सैनी की यह पोती तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर की थी। बड़ी बेटी रेशू है और सबसे छोटा बेटा चिराग। गार्गी कक्षा नौ की छात्रा थी। मम्मी पापा की यह लाडली बेटी दादा की भी दुलारी थी। सुबह को सात बजे घर से स्कूल जाने को निकली थी। लेकिन स्कूल नहीं पहुंची तो मैडम का फोन आया और घर वालों को जानकारी देकर उसे साथ लेकर स्कूल आने को कहा गया था। मम्मी-पापा के पूछने पर बेटी ने जो बताया उसे शायद ही कोई सुनने की हिम्मत जुटा पाएगा। वह एक ऐसी ‘खतरनाक साजिश’ का शिकार हुई जिसने उसकी जिंदगी छीन ली। इस मासूम को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो मौत को गले लगा लिया।
खौफ तैर रहा था बच्ची के चेहरे पर: बलराम सैनी
मुरादाबाद। पोती की मौत से गमजदा पूर्व विधायक बलराम सैनी एक लड़की का नाम लेते हुए कहते हैं कि वह उसे बुलाकर ले गई थी। गार्गी बहुत मासूम थी और वह उस शातिर की साजिश को समझ नहीं पाई। जिस मकान पर गार्गी को बुलाया गया था वहां पहले से कुछ लड़के थे। उन लोगों ने उसे धमकाया उसके साथ गलत काम किया। अश्लील क्लीपिंग बना ली गई। डराया गया कि अगर उसने किसी के सामने कुछ बोला तो वह उस क्लीपिंग को इंटरनेट पर डाल देंगे। शहर के तमाम मोबाइल पर सेंड कर देंगे। उसने यह सारी बातें बताई भी थीं। वह इस कदर डरी हुई थी कि खौफ उसके चेहरे पर तैर रहा था।