मुरादाबाद। शहर में बिजली को लेकर हाहाकार मचा है। बृहस्पतिवार को तो सारा दिन बत्ती गुल रही। अब बत्ती नहीं तो पानी नहीं। शुद्ध पानी के लिए भी महानगर वासी हैंडपंप पर निर्भर थे। निगम के नलकूप नहीं चल पाए। लोगों के घरों पर पानी के टैंक भी खाली हो गए। लगातार बिगड़ते हालात से उपभोक्ताओं में गुस्सा पनप रहा है। बिजली का मुद्दा कभी भी कानून व्यवस्था का सवाल बन सकता है।
बिजली में सुधार के लाख दावे हो रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी आपूर्ति बेहतर कराने को सरकार तक पहुंच रहे हैं। पिछले दिनों भी कई विधायक इस मुद्दे को लेकर लखनऊ तक पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के सामने पूरा शेड्यूल रखा गया। भरोसा भी दिलाया गया था कि पंद्रह दिन में सुधार नजर आएगा। लेकिन इस बात को भी एक महीना बीत गया है। मगर हालात तो सुधरने की बजाए और बिगड़ते ही जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को जब आसमान से आग बरस रही थी तब शहर के लोग बिजली को लेकर व्याकुल थे। पानी भी नहीं मिल पा रहा था। कई इलाकों में हल्ला भी मचा। डीएम से भी शिकायत की गई। अधिकांश का कहना था कि बिजली वाले फोन नहीं उठाते। बिजली घरों पर भी फोन रिसीव नहीं हो पाते हैं। सुबह को गुल हुई बत्ती शाम को चार बजे के करीब आई भी लेकिन आधा घंटे बाद फिर कटौती ने लोगों को बेचैन कर दिया। शाम को निगम के नलकूप चलाकर जो पानी के टैंक भरे जाते वह भी नहीं भर सके। लोगों के घरों की टंकियां भी खाली हो गईं थीं।