मुरादाबाद। हजरत शाह मुकम्मल साहब की दरगाह पर विसाली कुल हुआ। इसमें जायरीनों ने नजराना-ए-अकीदत पेश किया। उलमा ने मुल्क में अमन-ओ-अमान और मिल्लत की तरक्की को दुआ की। इसके साथ ही उर्स का समापन हो गया।
ईदगाह के पास दरगाह पर तीन रोजा उर्स का आखिरी दिन था। इसमें मजार शरीफ पर चादरपोशी के साथ गुलपोशी की गई। इसके बाद नज्र-ओ-नियाज का सिलसिला चलता रहा। दरगाह पर सुबह विसाली कुल शरीफ हुआ। कुल शरीफ की रस्म के बाद जावेद अजीम साबरी कव्वाल और हमनवां ने कलाम पेश किए। इसमें हजरत बाबा कलीम साहब और मुरीद शरीक हुए। काजी सैयद खुशनूद मियां ने मुल्क में अमन-ओ-अमान की दुआ कराई। उन्होंने हजरत शाह मुकम्मल की तालीमात पर रोशनी डाली। कहा कि आपने जिंदगी पर अवाम की खिदमत की। भाईचारे का कायम किया। लोगों को भाईचारे का दर्स दिया। इसके बाद लंगर का अहतमाम किया गया। इसमें कलियर शरीफ से नय्यर अजीम फरीदी, सज्जादानशीन दरगाह हजरत सलीम चिश्ती फतेहपुर सीकरी आरिफ अजीम फरीदी, सैयद शहाबुद्दीन, सैयद नजमुद्दीन, सैयद महफूज हसन ने शिरकत की। उर्स में खलीफा आसिम कलीमी, खलीफा अन्नू मियां, तसलीम हुसैन कलीमी, आतिफ हुसैन कलीमी मौजूद थे। सज्जादानशीन अहमद कमाल, सैयद शिबली मियां, सैयद सरवर मियां ने जायरीनों का शुक्रिया अदा किया।