मुरादाबाद। पिछले साल मैनाठेर में बवाल के दौरान डींगरपुर में डीआईजी एके सिंह पर हुए हमले के मामले में उनकी गारद के पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। उम्मीद है एक-दो दिन में पांच पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी पर कप्तान की औपचारिक मुहर लग जाएगी। एक हेड कांस्टेबल पहले ही रिटायर हो चुका है जबकि गारद में शामिल एक फोटोग्राफर पुलिसकर्मी को क्लीन चिट मिल चुकी हैं।
पिछले साल छह जुलाई में पवित्र धार्मिक ग्रंथ की बेहुरमती के बाद मैनाठेर क्षेत्र में लोग सड़कों पर आ गए थे। पुलिस के वाहन फूंक दिए गए थे। हालात का जायजा लेने पहुंचे तत्कालीन डीआईजी अशोक कुमार सिंह को भीड़ ने घेर लिया था। डीएम उस वक्त उन्हें भीड़ में घिरा छोड़ वापस लौट आए थे। डीआईजी की गारद में तैनात पुलिसकर्मी भी डीएम के साथ ही लौट आए थे। भीड़ में घिरे डीआईजी के साथ मात्र उनके पीआरओ रह गए थे। भीड़ ने डीआईजी पर हमला बोल दिया था। पेट्रोल पंप के केबिन में डीआईजी को बंद कर फायर भी किया गया था। बुरी तरह घायल डीआईजी को तीन महीने तक बिस्तर पर रहना पड़ा था।
इस मामले में डीआईजी की गारद को महीने भर निलंबित किया गया था। बाद में उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। महानगर में हुए दंगे के कारण इस प्रक्रिया को रोक दिया गया था। बाद में धारा 14(1) के तहत जांच तत्कालीन एसपी सिटी पीयूष श्रीवास्तव ने की थी। एसपी सिटी ने हेड कांस्टेबल रमेश चंद्र, प्रदीप तोमर, ड्राईवर जयवीर व धर्मपाल, कांस्टेबल दिलीप सिंह व विक्रम कुमार की बर्खास्तगी की संस्तुति की थी। जबकि फोटोग्राफर कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह के पास रायफल न होने की बात कहते हुए उसे बरी कर दिया गया था। इनमें से रमेश चंद्र तो अक्टूबर में ही रिटायर हो चुका है। चुनाव आने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
कप्तान सुनील कुमार गुप्ता ने पूरे मामले में विधिक राय मांगी थी। एसपीओ एके कौशिक ने अपनी रिपोर्ट में पूरी प्रक्रिया को सही बताते हुए बर्खास्तगी की संस्तुति की है। माना जा रहा है एक-दो दिन में इन पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी हो जाएगी। एसएसपी का कहना है कि अभी उन्होंने फाइल को सही से देखा नहीं है। नियमानुसार कार्रवाई होगी।