मुरादाबाद। बदनामी के बोझ तले दबे मुरादाबाद पोस्टमार्टम हाउस के एक और कारनामे की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। पीएम प्रक्रिया से जुड़े कुछ लोगों की इस घिनौनी करतूत का भंडाफोड़ खुद पीएम हाउस से जुड़े एक शख्स ने किया था। करीब दो महीना पहले इस कर्मी ने एक आला पुलिस अफसर को एक टू स्मेयर शील्ड वेजाईनल स्लाइड मुहैय्या कराते हुए दावा किया था कि पीएम हाउस में बलात्कार की जांच को बनाई जाने वाले स्लाइड बदल दी जाती हैं। एसपी सिटी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। स्लाइड बनाने वाले डाक्टर ने एसपी सिटी को दिए बयान में कहा है कि उन्होंने स्लाइड बनाने के बाद सिपाही को रिसीव करा दी थी, फिर क्या हुआ उन्हें पता नहीं है।
लावारिस लाशों को चीरे फाड़े बगैर ही उनकी फरजी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना देने के चलते बदनाम हो चुका जिले का पोस्टमार्टम हाउस अभी भी सवालों के घेरे में है। दरअसल इसी साल मार्च के आखिरी सप्ताह में एक प्राइवेट पीएम कर्मी ने एक आला पुलिस अधिकारी को एक शील्ड वेजाईनल स्लाइड सौंपी थी। उसने पुलिस अधिकारी से दावा किया था कि पोस्टमार्टम हाउस के अंदर बलात्कार की जांच के लिए बनाई गई स्लाइड नकली स्लाइड से बदल दी जाती हैं। इस कर्मी ने अधिकारी को एक बुलेट देकर यह भी दावा किया था कि पीएम हाउस में बुलेट भी बदल दी जाती हैं। तभी इस मामले की जांच एएसपी और एसपी भीमनगर को दे दी गई थी। अमर उजाला में मामला छपने के बाद एसपी सिटी ने भी प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। एसपी सिटी महेंद्र यादव ने बताया कि प्रकरण में पीएम करने वाले डाक्टर आरएस सैनी का बयान दर्ज किया गया है। डा. सैनी ने ही 13 फरवरी 2007 को यह वेजाईनल स्लाइड बनाई थी। डा. सैनी ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि प्राइवेट पीएम कर्मी द्वारा पुलिस अधिकारी को उपलब्ध कराई गई शील्ड वेजाईनल स्लाइड पर दस्तखत तो उन्हीं के हैं लेकिन उन्होंने यह स्लाइड पीएम कराने आए सिपाही को रिसीव करा दी थी। लिहाजा इस प्रकरण से उनका कोई लेनादेना नहीं है। दरअसल सात भीमनगर के कस्बा बहजोई से एक बच्ची सात फरवरी 2007 को गायब हुई थी, पांच दिन बाद 12 फवरी को उसकी अर्द्धनग्न लाश जंगल में मिली थी। इस मामले में बलात्कार की आशंका में वेजाईनल स्लाइड बनाई गई। यही स्लाइड पीएम कर्मी ने पुलिस अधिकारी को सौंपी है। दावा किया है कि इसकी जगह दूसरी स्लाइड बनाकर जांच को भेज दी गई।