मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को अद्भुत, भव्य और अविस्मरणीय ही कहा जाएगा। 11000 से अधिक लोगों की मौजूदगी में मेडल के साथ डिग्री हासिल करने का पल छात्रों के चेहरे पर विजेता की मुस्कान थी। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से डिग्री हासिल करना किसी गौरव से कम नहीं था।
दीक्षांत समारोह का शुभारंभ प्रशासनिक भवन से परेड के साथ हुआ। पुलिस बैंड की धुन पर निकले जुलूस का नेतृत्व रजिस्ट्रार आरके मुद्गल ने किया। उनके पीछे विश्वविद्यालय के सभी कालेज और विभागों के हेड चल रहे थे। सबसे पीछे अब्दुल कलाम थे। उनके आगे कुलाधिपति सुरेश जैन थे। सभी ने 11 बजकर 45 पंडाल में प्रवेश किया। उनके प्रवेश करने के साथ छात्रों के चीयर्स से गुंजायमान हो उठा। अब्दुल कलाम का दीदार पाने के लिए उत्सुक दिखाई दिया। मंच पर बैठने के साथ ही सबसे पहले कुलाधिपति ने ओपन कहकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। बनारस से आई सोमा घोष और छात्राओं ने ईश वंदना की। सबसे पहले डा. अशोक सेठ को डाक्टर आफ साइंस की मानद उपाधि दी गई। इसके बाद अशोक धाम, भरत झुनझुनवाला, नरेंद्र बत्रा और रविंद्र जैन को डाक्टर आफ फिलासफी की उपाधि दी गईं। पंडाल में डिग्री पाने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे छात्रों को जब मंच पर आमंत्रित किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डा. अब्दुल कलाम ने 56 छात्रों को अपने हाथों से मैडल और डिग्री प्रदान की। उनके जीवन के पल सर्वाधिक गौरवमयी पल के तौर पर शामिल हो गए। उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री नवाब इकबाल महमूद ने मुख्यमंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि मेरी कामना है कि जिस प्रकार से एएमयू का नाम दुनिया भर में जाना जाता है उसी तरह टीएमयू का नाम हर आदमी जाने। यह न केवल मुरादाबाद बल्कि प्रदेश के लिए गौरव की बात होगी। जम्बू द्वीप मेरठ के पीठाधीश्वर स्वामी रविंद्र कीर्ति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय जैन धर्म की शिक्षाओं पर आधारित है। यहां से न केवल आधुनिक शिक्षा दी जाती है, बल्कि छात्रों को संस्कारवान भी बनाया जाता है। कुलाधिपति के साथ विश्वविद्यालय को इस अवसर कुलाधिपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि कुछ इस तरह खुदा ने मुझे बुलंद किया, मैं थक गया तो हवाओं ने मुझे बुलंद किया, मेरी मजाल जो आसमां को छू लेता, आपकी दुआओं ने मुझे बुलंद किया। मेरा सपना है कि टीएमयू को दुनिया के 100 उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों में शामिल करना है। डिग्री पाने वाले छात्रों से उम्मीद करता हूं कि वे विश्वविद्यालय का नाम दुनिया भर में रोशन करेंगे। इसके बाद उन्हाेंने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए। मंच ग्र्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन जयपाल सिंह व्यस्त और सीमा अवस्थी ने किया। कुलाधिपति की घोषणा के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।