मुरादाबाद। भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के विलय की कवायद एक बार फिर चल रही है। दोनों के विलय का फायदा यह होगा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मोबाइल उपभोक्ताओं की दिल्ली काल लोकल होगी। इसका उनको एसटीडी चार्ज नहीं देना होगा।
उपभोक्ताओं को एनसीआर का फायदा होगा। क्योंकि, एनसीआर में भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड का काल दर लोकल होता है। केवल दिल्ली इससे वंचित है। वहां भारत संचार निगम लिमिटेेड का मोबाइल रोमिंग में हो जाता है और एनसीआर के जिलों से दिल्ली बात करने पर एसटीडी चार्ज देना होता है। फिर मुरादाबाद से बीएसएनएल मोबाइल से जो भी काल दिल्ली किये जाएंगे उसका लोकल चार्ज ही लेगा। इसका फायदा यहां के व्यापारियों व एक्सपोर्टरों को खूब मिलेगा। क्योंकि, उनका व्यवसाय दिल्ली आधारित है।
इस बारे में जानकारी देते हुए भारत संचार निगम लिमिटेड के दिल्ली मुख्यालय के अधिकारी ने बताया कि पहले भी दोनों कंपनियों के विलय की बात चली थी और अंतिम समय में जाकर मामला कुछ कारणों से रूक गया था। गौरतलब है कि महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड का स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्ट्रेशन है परंतु, भारत संचार निगम लिमिटेड का नहीं। तब विलय न हो पाने में यह भी एक अड़ंगा था। लेकिन, अबकी बार यह फाइल फिर खुल गयी है और इस पर संचार मंत्रालय के अधिकारी काफी गंभीरता से बात कर रहे हैं। कहते हैं कि अबकी बार स्टॉक एक्सचेंज के मामले को भी निपटा लिया जाएगा।
उनका कहना है कि दोनों कंपनियों के विलय हो जाने के बाद घाटे में चल रही दोनों कंपनियां लाभ में तो आएंगी ही साथ ही इसका लाभ मुरादाबाद सहित पूरे उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। अभी वे यूपी के दिल्ली बार्डर नोएडा व गाजियाबाद तक और उत्तराखण्ड बात करते हैं तो लोकल काल चार्ज ही देना पड़ता है। अब इन दोनों कंपनियाें का विलय हो जाएगा तो फिर दिल्ली काल भी लोकल ही हो जाएगा।