मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश महामाया मुख्यमंत्री आर्थिक मदद योजना में एक बड़ी जालसाजी का मामला प्रकाश में आया है। समाज कल्याण अधिकारी के नाम का एक फर्जी आदेश बनाकर सात लाख पांच हजार रुपये निकाल लिए गए। खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया। अब इस मामले में बैंक की भी मिली भगत मानी जा रही है। मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दे दी गई है।
महामाया आर्थिक मदद योजना में यह घोटाला इतनी खामोशी के साथ किया गया कि विभाग के लोगों को भी काफी दिनों बाद भनक लगी। जब जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। दरअसल इस योजना में एक बड़ा घोटाला तब सामने आया था जब तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सरकारी रकम को अपने निजी खाते में ट्रांसफर करा लिया। जब जांच हुई तो कई खुलासे हुए। समाज कल्याण अधिकारी को जेल भेज दिया गया था। उस वक्त जिलाधिकारी ने खाते में जमा इस योजना के पैसे के आहरण पर रोक लगा दी थी। इसी बीच 12 अप्रैल 2012 को एक व्यक्ति समाज कल्याण अधिकारी का फर्जी पत्र लेकर प्रथमा बैंक की पाठकपुर शाखा में पहुंचा। इस पत्र मेें लिखा था कि महामाया योजना की जो रकम खाते में जमा है उसे विभाग को ट्रांसफर कर दिया जाए। बैंक ने भी 13 अप्रैल को चेक रिसीव करा दिया। यह पैसा एक्सइस बैंक में जमा करा दिया गया। मां दुर्गा महिला उत्थान समिति के खाते में यह पैसा पहुंचा। सात लाख 43 हजार रुपया खाते से निकाल लिया गया। विभाग ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने को बहजोई थाने में तहरीर दे दी है। जिसमें पाठकपुर प्रथमा बैंक के शाखा प्रबंधक, मां दुर्गा महिला उत्थान समिति रंपुरा और अवनीश कुमार के खिलाफ मुकदमा लिखाने को कहा गया है।