मुरादाबाद। अधिकारी तो गैरहाजिरी की वजह से मंत्री के गुस्से का शिकार होने से बच गए। लेकिन निर्माण विभाग के एक बाबू डालचंद्र को नगर विकास मंत्री के गुस्से का सामना करना पड़ा। दरअसल मंत्री ने कुछ फाइलें मांगी थीं जिन्हें निकालकर देने में बाबू को देर हो गई। इसी पर वह उखड़ गए जिससे बाबू घबरा गया।
आखिर क्या था इन दो फाइलों में ?
मुरादाबाद। नगर निगम के दफ्तरों में हजारों फाइलें रखी होंगी लेकिन निर्माण विभाग पहुंचे आजम खां ने बाबू को दो फाइलें देने को कहा। इनमें से एक फाइल मझोली तिराहे के पास तालाब को पाटने से संबंधित मामले की थी जबकि दूसरी फाइल मधुबनी पर नगर निगम द्वारा बनाई जा रही दुकानों की। जिस तरह मंत्री ने इन दोनों मामलों का नाम लेकर बाबू से फाइलें मांगी उससे लगता है कि मंत्री को इन फाइलों के बारे में किसी ने ब्रीफ किया था या फिर उनके पास कोई गोपनीय जानकारी थी। शहर में तमाम समस्याएं हैं, कई बड़े मामले हैं लेकिन मंत्री ने सिर्फ इन्हीं दो फाइलों को जब्त किया। लखनऊ में सूबे के सभी नगर आयुक्तों की मीटिंग के ठीक अगले दिन सुबह सुबह मुरादाबाद नगर निगम पर नगर विकास मंत्री के छापे का अर्थ लोग बखूबी समझ रहे हैं, जानकाराें का कहना है कि नगर आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई तय है। तालाब की फाइल पर मंत्री ने कहा भी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर तालाब को पाट दिया गया।
... अफसर गायब, कुर्सियों पर बैठे थे चपरासी
मुरादाबाद। आजम खां सुबह 10.30 बजे नगर निगम के दफ्तर पहुंच गए थे। वे यहां लगभग 12 बजे तक रहे। इस दौरान मेयर डा. एसटी हसन तो नगर निगम पहुंच गए, लेकिन नगर आयुक्त का कोई पता नहीं था। नगर आयुक्त के नगर निगम नहीं पहुंचने के सवाल पर आजम खां ने कहा कि उन्हें यहां होना तो चाहिए था। बृहस्पतिवार को प्रमुख सचिव नगर विकास के साथ मीटिंग जरूर थी, लेकिन लखनऊ और मुरादाबाद के बीच ट्रेनें भी बहुत अच्छी हैं। बोेले, शायद थकान उतार रहे होंगे।