मुरादाबाद। हमारा आम अब ‘आम’ नहीं रह गया। इंटरनेशनल मार्केट तक इसकी धूम मची है। कारोबार के लिहाज से मिठास भरी खबर यह है कि अब तक जिन मुल्कों को आम का निर्यात पाकिस्तान से होता था वहां से भारत को आर्डर मिल रहे हैं। मसलन दुबई, सऊदी अरब और रियाद को आम का निर्यात बड़े पैमाने पर होने जा रहा है। इटली की एक कंपनी ने एक्सपोर्ट के लिए 100 टन आम का अनुबंध भी कर लिया है।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध प्रदेश से आम का निर्यात हर साल होता रहा है। कई देशों में यहां के आम की धाक जमी हुई है। उत्तर प्रदेश से आम का एक्सपोर्ट मलिहाबाद, ज्योतिबाफुले नगर और सहारनपुर से होता है। हालांकि वर्ष 2011 में एक्सपोर्ट कम ही हुआ लेकिन इस साल जिस तरह से आर्डर मिल रहे हैं उससे कारोबार बेहतर होने की उम्मीद लगाई जा रही है। जापान, स्पेन, सिंगापुर, दुबई, कतर और सऊदी अरब से आर्डर मिल रहे हैं। बताया जाता है कि अब तक इन मुल्कों को भारत से आम जाता तो था लेकिन बहुत कम। पाकिस्तान के कारोबारी ही यहां आम की सप्लाई करते थे। मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष और जेपीनगर से आम के निर्यातक नदीम सिद्दीकी का कहना है कि इन मुल्कों को आम सप्लाई करने के लिए इटली की एक कंपनी से आर्डर मिला है। 100 टन का एक्सपोर्ट किया जाना है। कंपनी ने जो अनुबंध किया है उसके मुताबिक दस जून को पहली खेप जाएगी। बाई एयर आम भेजा जाएगा।
दशहरी और अल्फांसो सभी की पसंद
मुरादाबाद। यूं तो आम की तमाम किस्में हैं लेकिन कुछ वैरायटी ऐसी हैं जो दुनिया भर में मशहूर हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के लंगड़ा, दशहरी, महाराष्ट्र से अल्फांसो, गुजरात से नीलम व केसर और आंध्र प्रदेश का बैंगनपल्ली। विदेशी मुल्क आम की इन किस्मों के आर्डर ज्यादा कर रहे हैं। यूं तो कई दूसरी किस्मों को भी उनके सामने रखा गया लेकिन वह कोई खास छाप छोड़ नहीं पाईं। लिहाजा कारोबारी भी इन्हीं किस्मों के पेड़ों का रकबा भी बढ़ाते हैं।
यूपी में पैदा होने वाली आम की किस्में
लंगड़ा
चौंसा
दशहरी
आम्रपाली
मुंबइया
मकसूस
सुरखा
हुस्नआरा